म्यांमार की नेता ऑंन्ग सैन सू क्यी की रोहिंग्या मुस्लिमों पर एक क्रैकडाउन के खिलाफ बोलने में उनकी विफलता के कारण उन्हें फ्रीडम ऑफ़ पेरिस अवार्ड से वंचित कर दिया गया है. उन्हें पहले भी मानद कनाडाई नागरिकता और उनके एमनेस्टी इंटरनेशनल के “एम्बेसडर ऑफ़ कॉनसाइंस अवॉर्ड” से भी वंचित किया जा चुका है.
वह यह अवार्ड खोने वाली पहली व्यक्ति होंगे. पिछले साल बौद्ध बहुमत वाले देश में 700,000 से ज्यादा रोहिंग्या हिंसा से भाग गए थे, ज्यादातर पड़ोसी बांग्लादेश में.
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