कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने अपनी प्रशिक्षण इकाई महानिदेशालय प्रशिक्षण (DGT) के माध्यम से अमेरिकी बहुराष्ट्रीय सॉफ्टवेयर कंपनी ऑटोडेस्क इंक. (Autodesk Inc.) के साथ एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
6 नवम्बर 2025 को घोषित इस साझेदारी का उद्देश्य भारत की व्यावसायिक कार्यबल की “डिज़ाइन एंड मेक” (Design and Make) क्षमता को उन्नत डिजिटल उपकरणों और पाठ्यक्रमों के माध्यम से सशक्त बनाना है। इसके तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITIs) और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (NSTIs) में आधुनिक तकनीक को जोड़ा जाएगा।
भारत की व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रणाली, विशेषकर महानिदेशालय प्रशिक्षण (DGT) के माध्यम से, 14,500 से अधिक ITI और 33 NSTI का संचालन करती है, जो हर वर्ष लाखों युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
हालाँकि, उद्योग की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण सामग्री और उपकरणों के आधुनिकीकरण की ज़रूरत बढ़ी है। ऑटोडेस्क के साथ यह सहयोग एक दूरदर्शी पहल है, जो भारत की कौशल प्रणाली में पेशेवर सॉफ्टवेयर, उन्नत पाठ्यक्रम और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाएँ लाने का कार्य करेगा।
ऑटोडेस्क अपने उद्योग-स्तरीय डिज़ाइन सॉफ्टवेयर तक पहुँच उपलब्ध कराएगा।
यह वास्तविक जीवन-आधारित प्रशिक्षण सामग्री के सह-निर्माण में सहयोग करेगा।
नए पाठ्यक्रमों में प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण, व्यावहारिक अनुभव,
और डिजिटल प्रोटोटाइपिंग, CAD तथा एआई-सक्षम डिज़ाइन सिस्टम जैसी तकनीकों को शामिल किया जाएगा।
इस साझेदारी का प्रमुख तत्व प्रशिक्षकों का डिजिटल कौशल उन्नयन (Upskilling) है।
ITI और NSTI के प्रशिक्षकों को ऑटोडेस्क उपकरणों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे नई तकनीकों को प्रभावी और आत्मविश्वासपूर्वक सिखा सकें।
प्रशिक्षण का केंद्र उन क्षेत्रों पर रहेगा जहाँ डिज़ाइन और डिजिटल निर्माण (Fabrication) की भूमिका प्रमुख है — जैसे आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, निर्माण (Construction) और उन्नत विनिर्माण (Advanced Manufacturing)।
इससे प्रशिक्षित युवाओं के पास रोज़गार-उन्मुख और उद्योग-संगत कौशल होंगे, जो वर्तमान और भविष्य की बाज़ार आवश्यकताओं के अनुरूप होंगे।
ऑटोडेस्क के आंतरिक सर्वेक्षणों के अनुसार, भारत की 50% से अधिक कंपनियाँ अब एआई-संबंधित कौशल वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे रही हैं।
व्यावसायिक प्रशिक्षण मार्गों में इन कौशलों को शामिल कर भारत एक ऐसी कार्यबल तैयार कर रहा है जो तकनीकी रूप से दक्ष और नवाचार के लिए तैयार (Innovation-ready) हो।
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