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मध्य प्रदेश की ‘गोंड पेंटिंग’ को जीआई टैग मिला

मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध ‘गोंड पेंटिंग’ को प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग मिला है। भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग उन उत्पादों पर उपयोग किया जाने वाला एक संकेत है जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति है और उनमें गुण या प्रतिष्ठा है जो उस मूल के कारण हैं। इसका उपयोग औद्योगिक उत्पादों, खाद्य पदार्थों, कृषि उत्पादों, स्पिरिट ड्रिंक्स और हस्तशिल्प के लिए किया जाता है। जीआई टैग यह सुनिश्चित करता है कि पंजीकृत अधिकृत उपयोगकर्ता के अलावा किसी अन्य को लोकप्रिय उत्पाद के नाम का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।

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गोंड पेंटिंग भगवान, देवी, प्रकृति, पेड़, चंद्रमा, सूर्य आदि का प्रतिनिधित्व करने वाली हस्तमुद्रित अनूठी शैली की कला है। गोंड जनजातियों से उत्पन्न, वे अपने घरों और फर्श को रूपांकनों, टैटू आदि से सजाने में विश्वास करते हैं। डिंडोरी जिले का पाटनगढ़ गाँव एक उल्लेखनीय गाँव है जहाँ हर घर में एक कलाकार है, और उनकी कलाकृति न केवल राज्य में लोकप्रिय है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचानी जाती है। खन्नाट गांव की एक शारीरिक रूप से अक्षम आदिवासी महिला नरबदिया अरमो, माउथ पेंटिंग बनाती हैं और असहाय महसूस करने वाली महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल के रूप में काम करती हैं।

 

क्या है जीआई टैग?

 

बता दें कि भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग उन उत्पादों पर उपयोग किया जाने वाला एक संकेत है, जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है और गुण या प्रतिष्ठा होती है, जो उस मूल के कारण होती है। इसका उपयोग औद्योगिक उत्पादों, खाद्य पदार्थों, कृषि उत्पादों, स्पिरिट ड्रिंक्स और हस्तशिल्प के लिए किया जाता है। जीआई टैग यह सुनिश्चित करता है कि पंजीकृत अधिकृत उपयोगकर्ता के अलावा किसी अन्य को लोकप्रिय उत्पाद के नाम का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

 

● मध्य प्रदेश के राज्यपाल: मंगूभाई पटेल

● मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री: शिवराज सिंह चौहान

● राजधानी: भोपाल

● मध्य प्रदेश क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है।

● मध्य प्रदेश के 25.14 प्रतिशत क्षेत्र पर वनों का कब्जा है।

 

FAQs

जीआई टैग कितने वर्ष के लिए दिया जाता है?

इसके अधिकार व्यक्तियों, उत्पादकों और संस्थाओं को दिए जा सकते हैं एक बार रजिस्ट्री हो जाने के बाद 10 सालों तक यह ये टैग मान्य होते हैं, जिसके बाद इन्हें फिर रिन्यू करवाना पड़ता है. पहला जीआई टैग साल 2004 में दार्जिलिंग चाय को मिला था.

vikash

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