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एमपी में शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस 1 जुलाई से होगा अनिवार्य

स्कूल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत मध्य प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2025 से सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों के लिए डिजिटल रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया है। यह ‘हमारे शिक्षक’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा, जो राज्य के शिक्षा 3.0 पोर्टल के साथ एकीकृत एक ई-गवर्नेंस टूल है।

समाचार में क्यों?

मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से 1 जुलाई 2025 से सभी सरकारी स्कूल शिक्षकों के लिए डिजिटल उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। यह प्रक्रिया ‘हमारे शिक्षक’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी, जिसे राज्य के Education 3.0 पोर्टल से जोड़ा गया है।

प्रमुख बिंदु:

  • प्लेटफॉर्म का नाम: हमारे शिक्षक
  • लॉन्च तिथि: 23 जून 2025
  • अनिवार्यता की शुरुआत: 1 जुलाई 2025 से
  • लाभार्थी: मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल शिक्षक व शिक्षा विभाग के कर्मचारी
  • सिस्टम लिंक: Education 3.0 पोर्टल से एकीकृत ई-गवर्नेंस टूल

उपस्थिति नियम:

प्रवेश की समयसीमा:

  • स्कूल शुरू होने के 1 घंटे के भीतर उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य।

  • स्कूल समाप्त होने के 30 मिनट के अंदर भी उपस्थिति दर्ज की जा सकती है।

ग़ैरहाज़िरी/छुट्टी नीति:

  • यदि कोई शिक्षक समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं करता, तो आधा दिन का आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) स्वचालित रूप से काटा जाएगा।

  • यह अवकाश वार्षिक या वैकल्पिक छुट्टियों से समायोजित होगा।

उद्देश्य और महत्व:

  • शिक्षकों की उपस्थिति का रीयल-टाइम निगरानी
  • शिक्षा स्टाफ की डिजिटल सेवा पुस्तिका बनाए रखना
  • स्थानांतरण, पदोन्नति और अवकाश जैसे प्रशासनिक निर्णयों को सुव्यवस्थित करना
  • पारदर्शिता बढ़ाना, मैनुअल त्रुटियों को घटाना और रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करना

पृष्ठभूमि:

  • यह पहल Education 3.0 के तहत स्कूल शिक्षा में डिजिटल सुधार का हिस्सा है।

  • मध्य प्रदेश उन राज्यों में शामिल है जो शिक्षा व्यवस्था में Ed-Tech आधारित निगरानी और पारदर्शिता लाने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं।

निष्कर्ष:
‘हमारे शिक्षक’ प्लेटफॉर्म के जरिए शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को लागू करना मध्य प्रदेश सरकार की शिक्षा में तकनीकी नवाचार और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी, बल्कि प्रशासनिक सुधारों को भी गति मिलेगी।

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