मिजोरम उत्तर-पूर्व भारत का पहला राज्य बन गया है, जिसने गांवों के आबादी क्षेत्रों के सर्वेक्षण और उन्नत तकनीक से मानचित्रण (SVAMITVA) योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित किए हैं। 18 जनवरी 2025 को, राज्यपाल जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह ने राजभवन, आइजोल से वर्चुअल रूप से इस वितरण कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाग लिया और 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों को 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। मिजोरम के 18 गांवों के 1,754 संपत्ति कार्डधारकों को इस कार्यक्रम के तहत उनके कार्ड सौंपे गए।
SVAMITVA योजना का अवलोकन
24 अप्रैल 2020 को शुरू की गई SVAMITVA योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्वामित्व का कानूनी दस्तावेज़ प्रदान करना है। इस योजना में ड्रोन और जीआईएस तकनीक का उपयोग किया जाता है। ये संपत्ति कार्ड स्वामित्व का कानूनी प्रमाण हैं और इन्हें ऋण और अन्य वित्तीय उद्देश्यों के लिए गिरवी रखा जा सकता है।
मिजोरम में SVAMITVA योजना की उपलब्धियां
- सर्वे ऑफ इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन:
मिजोरम सरकार ने 8 जुलाई 2021 को सर्वे ऑफ इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, ताकि SVAMITVA योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। - ड्रोन सर्वेक्षण:
– 9 दिसंबर 2021 को उन गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण शुरू किए गए, जहां राजस्व सर्वेक्षण नहीं हुआ था।
– 2 दिसंबर 2024 तक 9 जिलों के 319 गांवों को कवर करते हुए यह सर्वेक्षण पूरा हुआ। - संपत्ति कार्ड वितरण:
– मिजोरम ने 24 अप्रैल 2023 को संपत्ति कार्ड वितरण शुरू किया।
– 18 जनवरी 2025 तक कुल 2,909 संपत्ति कार्ड वितरित किए गए हैं।
– भविष्य में लगभग 35,000 संपत्ति कार्ड वितरित करने की योजना है।
मिजोरम के लिए SVAMITVA योजना का महत्व
SVAMITVA योजना के तहत संपत्ति कार्डों का वितरण ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना गांवों में बसे घरों के मालिकों को ‘अधिकार रिकॉर्ड’ प्रदान करती है, जो उन्हें वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण की ओर बढ़ाने में मदद करता है।
इससे ग्रामीण समुदायों को वित्तीय स्वतंत्रता मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। यह कदम न केवल मिजोरम बल्कि पूरे देश के लिए ग्रामीण विकास और स्वामित्व अधिकारों को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा।