Categories: Schemes

दुष्कर्म पीड़ित नाबालिगों के लिए योजना शुरू करेगी सरकार, जानें सबकुछ

केंद्र ने 03 जुलाई 2023 को उन नाबालिगों को आश्रय, भोजन और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की, जिन्हें बलात्कार के बाद गर्भधारण करने के चलते उनके परिवारों ने छोड़ दिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘निर्भया योजना’ के तत्वावधान में शुरू की गई नयी योजना का उद्देश्य उन गर्भवती नाबालिग पीड़ितों के लिए संस्थागत और वित्तीय सहायता सुनिश्चित करना है, जिनके पास खुद की देखभाल करने का कोई साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त हमने जमीनी स्तर पर नाबालिग पीड़ितों तक मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों और बाल देखभाल संस्थानों के सहयोग से ‘मिशन वात्सल्य’ की प्रशासनिक संरचना का भी भरपूर इस्तेमाल किया है।

 

साल 2021 में शुरू किया गया ‘मिशन वात्सल्य’ बच्चों की सुरक्षा और कल्याण पर केंद्रित है। ईरानी ने कहा कि नयी योजना के तहत यह अतिरिक्त सहायता बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) के स्तर पर 18 वर्ष तक की लड़कियों और 23 वर्ष तक की युवतियों के लिए देखभाल केंद्रों पर उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता के साथ-साथ पीड़िता को अदालती सुनवाई में शामिल होने के लिए सुरक्षित परिवहन भी उपलब्ध कराया जाएगा।

 

इस योजना का उद्देश्य

 

इस योजना का उद्देश्य नाबालिग पीड़िता और उसके नवजात शिशु के लिए पुलिस सहायता, परामर्श, कानूनी सहायता और बीमा कवर सहित कई सेवाओं तक तत्काल, आपातकालीन और गैर-आपातकालीन पहुंच की सुविधा प्रदान करना है। अधिकारी ने कहा कि योजना के लाभार्थियों के लिए उपलब्ध चिकित्सा लाभों में मातृत्व, नवजात और शिशु देखभाल शामिल हैं।

 

योजना के तहत लाभ

 

योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पीड़िता को प्राथमिकी की प्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है। अधिकारी ने कहा, हालांकि योजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पुलिस को सूचित किया जाए और प्राथमिकी दर्ज की जाए। योजना के लाभार्थियों के लिए बाल देखभाल गृहों में अलग स्थान आवंटित किया जाए क्योंकि उनकी जरूरतें वहां रहने वाली अन्य नाबालिगों से अलग होंगी।

 

निर्भया फंड के बारे में

 

  • वर्ष 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की गई।
  • इस फण्ड की स्थापना बलात्कार पीड़ितों की सहायता करने और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था।
  • शुरुआत में इसके तहत 1000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी।
  • पिछले 10 वर्षों में वित्त बजट में आवंटन के माध्यम से यह फंड 6,000 करोड़ रुपए तक पहुँच चुका है।
  • यह एक नॉन-लैप्सेबल फंड के रूप में लॉन्च किया गया है।

 

Find More News Related to Schemes & Committees

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारत परमाणु ऊर्जा में 49% विदेशी हिस्सेदारी निवेश की अनुमति देगा

भारत अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में विदेशी कंपनियों को 49% तक हिस्सेदारी लेने की अनुमति…

1 day ago

पायल कपाड़िया को प्रतिष्ठित फ्रांसीसी सम्मान मिला

पायल कपाड़िया, मुंबई की एक फिल्म निर्माता, को फ्रांसीसी सरकार द्वारा प्रतिष्ठित 'ऑफिसियर डां ल'ऑर्ड्रे…

1 day ago

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: पांच साल बाद फिर से शुरू

कैलाश मानसरोवर यात्रा (केएमवाई) एक महत्वपूर्ण वार्षिक तीर्थयात्रा है, जो भारत और चीन के बीच…

1 day ago

भारत-फ्रांस राफेल-एम जेट सौदे को अंतिम रूप दिया जाना तय

भारत और फ्रांस 28 अप्रैल 2025 को 26 राफेल-नेवल (राफेल-एम) लड़ाकू विमानों की खरीद के…

1 day ago

स्पेगेटी बाउल घटना क्या है?

वैश्वीकरण के इस दौर में, जहाँ व्यापार के माध्यम से देशों को एक-दूसरे के करीब…

1 day ago

DRDO ने स्क्रैमजेट कम्बस्टर परीक्षण के साथ हाइपरसोनिक तकनीक में बड़ी उपलब्धि हासिल की

भारत ने हाइपरसोनिक हथियारों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

1 day ago