राष्ट्रीय राजधानी के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शशि भूषण कुमार (एसबीके) सिंह को दिल्ली का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही तीन साल का वह दौर समाप्त हो गया है जिसमें एजीएमयूटी कैडर से बाहर के दिल्ली पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति होती थी। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह ने 31 जुलाई, 2025 को संजय अरोड़ा का स्थान लेते हुए कार्यभार संभाला। तीन दशकों से अधिक के अपने कार्यकाल के साथ, सिंह अपने कार्यालय में अनुभव, सुधारवादी उत्साह और तकनीकी दृष्टि का मिश्रण लेकर आए हैं, जो दिल्ली पुलिस के लिए एक नए अध्याय का वादा करता है।
नियुक्ति और कार्यभार संभालना
गुरुवार शाम, एसबीके सिंह ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आधिकारिक रूप से कार्यभार संभाला। वे शाम 4 बजे के बाद मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया गया। इसके बाद पूर्व पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा की उपस्थिति में उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया।
दिल्ली पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार मिलने के साथ, सिंह की नियुक्ति विशेष मानी जा रही है क्योंकि यह 2022 से बाहरी कैडर से नियुक्त होने वाले पुलिस प्रमुखों की श्रृंखला को तोड़ती है। (जैसे—राकेश अस्थाना: गुजरात कैडर, संजय अरोड़ा: तमिलनाडु कैडर)
सेवानिवृत्ति की तिथि: 31 जनवरी, 2026
बैच: 1986, भारतीय पुलिस सेवा (IPS)
वर्तमान पद: महानिदेशक, होम गार्ड्स (DG, Home Guards)
शैक्षणिक पृष्ठभूमि: सेंट स्टीफंस कॉलेज के छात्र
एसबीके सिंह की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज में हुई, जहां उन्होंने भौतिकी (ऑनर्स) में स्नातक किया।
इसके बाद उन्होंने 1986 में IPS जॉइन किया।
प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए, उन्होंने IGNOU से मानव संसाधन प्रबंधन में MBA भी किया।
विशिष्ट पुलिस करियर
प्रारंभिक सेवाएं और प्रमुख जांचें
सहायक पुलिस आयुक्त (ACP), सेंट्रल दिल्ली में कैरियर की शुरुआत।
1992 में अरुणाचल प्रदेश में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में कार्यभार।
उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों की निगरानी की, जैसे:
उफ़ान सिनेमा अग्निकांड, (तत्कालीन अतिरिक्त DCP, साउथ)
पोंटी चड्ढा हत्या मामला
हांसी क्रोन्ये मैच फिक्सिंग घोटाला
डीसीपी (केंद्रीय और पूर्वोत्तर दिल्ली) रहते हुए सांप्रदायिक तनाव और अपराध नियंत्रण में कुशलता दिखाई।
तकनीकी और रणनीतिक योगदान
विशेष पुलिस आयुक्त (प्रौद्योगिकी व परियोजना) के रूप में:
सेफ सिटी प्रोजेक्ट और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किए।
क्यूआर-कोड आधारित फीडबैक प्रणाली शुरू की ताकि नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें।
IIT दिल्ली के सहयोग से डिजिटल ट्रकिंग रेडियो सिस्टम विकसित किया।
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था – उत्तर) के रूप में:
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में सफलता।
पब्लिक फैसिलिटेशन डेस्क शुरू की जिससे आमजन से पुलिस की दूरी घटी।
विशेष पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) के रूप में:
2015 गणतंत्र दिवस परेड (जिसमें तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा शामिल हुए) की सुरक्षा व्यवस्था।
इंडो-अफ्रीका समिट, जिसमें 54 देशों के नेता शामिल हुए, को सफलतापूर्वक संचालित किया।
क्राइम ब्रांच और आर्थिक अपराध शाखा में योगदान
संयुक्त आयुक्त (क्राइम ब्रांच) के रूप में:
‘लॉस्ट रिपोर्ट’ ऐप लॉन्च किया—लोग खोए दस्तावेजों की रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के साथ मिलकर जाली मुद्रा के खिलाफ अभियान चलाया।
ATM सुरक्षा प्रणाली को बेहतर किया।
आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के प्रमुख के रूप में:
भूमि घोटालों, बैंक धोखाधड़ी, और साइबर अपराध के मामलों की निगरानी की।
बैंकों में ओटीपी प्रणाली लागू कराई जिससे धोखाधड़ी में कमी आई।
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