केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने उन्नत फोरेंसिक विश्लेषण की आवश्यकता वाले मामलों के बैकलॉग को कम करने के प्रयासों के रूप में चंडीगढ़ में भारत की पहली उन्नत डीएनए फोरेंसिक प्रयोगशाला की आधारशिला रखी.
निर्भय निधि से, 99.76 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, अत्याधुनिक ‘सखी सुरक्षा’ प्रयोगशाला, केन्द्रीय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी परिसर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ किए गए अपराधों की जांच और अभियोजन में सहायता के काम आएगी. वर्तमान में चंडीगढ़, गुवाहाटी, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे और भोपाल में 6 केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब्स (CFSLs) और प्रत्येक राज्य / संघ राज्य क्षेत्र में एक राज्य फोरेंसिक साइंस लैब है.
स्रोत-प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB)