महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि 7 अगस्त, भारत रत्न डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की जयंती को सतत कृषि दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह निर्णय भारतीय कृषि में इस महान वैज्ञानिक के अग्रणी योगदान, विशेष रूप से गेहूँ और चावल के उत्पादन को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को मान्यता देता है, जिससे भारत में हरित क्रांति आई।
बायो-हैप्पीनेस रिसर्च सेंटर्स की स्थापना
राज्य सरकार ने मंगलवार को जारी एक शासकीय आदेश (Government Resolution – GR) में महाराष्ट्र की सभी कृषि विश्वविद्यालयों को डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन बायो-हैप्पीनेस सेंटर-रिसर्च सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया है। इन केंद्रों का उद्देश्य स्थायी कृषि, जलवायु अनुकूलन तकनीक और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित अनुसंधान को बढ़ावा देना है। इस पहल का लक्ष्य ऐसे नवाचारी कृषि अनुसंधानों को प्रोत्साहित करना है जो किसानों की समृद्धि के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन को भी सुनिश्चित करें।
राज्यभर में स्मृति आयोजन
सरकार ने कृषि आयुक्त को इस दिवस के आयोजन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया है। इन आयोजनों में शामिल होंगे —
– राज्यभर में स्थायी कृषि पर संगोष्ठियों और कार्यक्रमों का आयोजन,
– पर्यावरण-अनुकूल खेती को प्रोत्साहित करने के लिए जन-जागरूकता अभियान,
– कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन पुरस्कार प्रदान करना।
डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की विरासत
भारत के हरित क्रांति के जनक के रूप में प्रसिद्ध डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन ने देश में खाद्य संकट समाप्त करने में निर्णायक भूमिका निभाई। उनकी उच्च उत्पादन वाली गेहूं और धान की किस्मों पर आधारित अनुसंधान ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बना दिया। वे केवल खाद्य सुरक्षा तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने पर्यावरणीय संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सतत और जलवायु-लचीली कृषि के पक्ष में भी दृढ़ता से आवाज उठाई, जिससे किसान और प्रकृति दोनों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…
भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…
सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…
हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…
यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…