महाराष्ट्र दिवस (Maharashtra Diwas), जिसे महाराष्ट्र दिन या महाराष्ट्र स्थापना दिवस भी कहा जाता है, हर वर्ष 1 मई को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष 1960 में महाराष्ट्र राज्य के गठन की स्मृति में मनाया जाता है। महाराष्ट्र का गठन बॉम्बे राज्य के भाषायी आधार पर विभाजन के बाद हुआ था, जिससे मराठी भाषी जनता की सांस्कृतिक और राजनीतिक आकांक्षाओं को मान्यता मिली। यह दिन देशभक्ति, महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत, गौरव और दशकों की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।
महाराष्ट्र 1 मई को राज्य स्थापना दिवस के रूप में महाराष्ट्र दिवस मनाएगा।
तिथि: प्रतिवर्ष 1 मई
स्थापना: बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम, 1960 के तहत
गठन का आधार: मराठी भाषी लोगों की भाषायी और सांस्कृतिक पहचान
राजधानी: मुंबई (पूर्व नाम बॉम्बे)
उत्सव: परेड, ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नई परियोजनाओं की शुरुआत
महत्व: भाषायी पहचान और राज्य के गठन के संघर्षों को सम्मान देना
संबंधित आयोग: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission)
1960 से पहले, महाराष्ट्र तत्कालीन विशाल बॉम्बे राज्य का हिस्सा था, जिसमें वर्तमान महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल थे।
यह राज्य भाषाई रूप से विविध था – मराठी, गुजराती, कच्छी और कोंकणी बोलने वाले इसमें शामिल थे।
1953 में गठित राज्य पुनर्गठन आयोग (SRC) ने भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की सिफारिश की।
इसके बाद बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम, 1960 पारित हुआ और 1 मई 1960 को महाराष्ट्र और गुजरात दो अलग राज्यों के रूप में अस्तित्व में आए।
मुंबई को महाराष्ट्र की राजधानी घोषित किया गया, क्योंकि यह मराठी जनता के लिए आर्थिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी।
यह दिन मराठी भाषा, पहचान और संस्कृति की मान्यता का प्रतीक है, जो पहले बहुभाषी प्रशासनिक व्यवस्था में दबकर रह गई थी।
यह महाराष्ट्र की जनता के लिए गर्व का दिन है, जो अलग राज्य की मांग के संघर्ष और बलिदानों को स्मरण करता है।
यह भारत के लोकतंत्र में भाषायी सद्भाव, क्षेत्रीय पहचान और राज्य की आकांक्षाओं के महत्व को रेखांकित करता है।
दशकों में महाराष्ट्र ने सांस्कृतिक, औद्योगिक और वित्तीय क्षेत्र में जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं, उन्हें इस दिन उजागर किया जाता है।
राज्य भर के सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में ध्वजारोहण किया जाता है।
मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में परेड, मार्च और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री इस अवसर पर राज्य की प्रगति पर भाषण देते हैं।
सरकार इस दिन को नए विकास परियोजनाओं की शुरुआत और नीतियों के लॉन्च के लिए भी उपयोग करती है।
स्कूल, कॉलेज और स्थानीय निकाय निबंध लेखन, गायन और नाटक प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं, जिनका विषय महाराष्ट्र का इतिहास और संस्कृति होता है।
यह दिन पर्यटन को भी बढ़ावा देता है – लोग स्थानीय सांस्कृतिक मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेते हैं।
महाराष्ट्र भारत का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है और देश की अर्थव्यवस्था में एक मुख्य भागीदार है।
मुंबई, इसकी राजधानी, भारत की वित्तीय राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है।
यह राज्य सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध है – यहाँ ऐतिहासिक किले, लोक कला जैसे लावणी और तमाशा, और प्रमुख त्योहार जैसे गणेश चतुर्थी मनाए जाते हैं।
महाराष्ट्र शिक्षा, उद्योग, फिल्म (बॉलीवुड), और कृषि के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाता है।
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