महाकुंभ 2025 को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने “वन प्लेट, वन बैग” अभियान की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य इस विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को प्लास्टिक मुक्त बनाना है। अभियान के तहत कपड़े के बैग और स्टील की प्लेटें व गिलास वितरित किए जा रहे हैं, जो प्लास्टिक के विकल्प के रूप में उपयोग किए जाएंगे।
अभियान का शुभारंभ आरएसएस सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कुंभ मेले के सेक्टर 18, पुरानी जीटी रोड पर किया। उन्होंने प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर जोर देते हुए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा,
“प्लास्टिक-मुक्त समाज बनाना एक सामूहिक प्रयास है। छोटे बदलाव, जैसे कपड़े के बैग और पुन: उपयोग होने वाले बर्तनों का उपयोग, पर्यावरण के लिए बड़ा योगदान दे सकते हैं।”
अभियान के दौरान कई प्रमुख आरएसएस नेता उपस्थित थे:
मकर संक्रांति और महाकुंभ के पहले ‘अमृत स्नान’ (14 जनवरी) के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भक्तों को शुभकामनाएं देते हुए पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने की अपील की। उन्होंने प्लास्टिक का उपयोग बंद करने और स्थायी विकल्पों को अपनाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा:
“महाकुंभ एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो पर्यावरण पर गहरा प्रभाव डालता है। इसे प्लास्टिक-मुक्त रखना हमारी जिम्मेदारी है।”
“वन प्लेट, वन बैग” अभियान निम्नलिखित उद्देश्यों पर आधारित है:
महाकुंभ में लाखों तीर्थयात्रियों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए, पुन: उपयोग होने वाली वस्तुओं का उपयोग प्लास्टिक कचरे को काफी हद तक कम करेगा। आरएसएस इस पहल के माध्यम से तीर्थयात्रियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित करना चाहता है।
कृष्ण गोपाल ने कहा: “यह जिम्मेदारी केवल कुंभ के लिए नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक स्थायी आदत के रूप में अपनाई जानी चाहिए।”
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