ब्राजील को नया राष्ट्रपति मिल गया है। दक्षिणपंथी विचारधारा रखने वाले मौजूदा राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) को हराकर लुइज इनासियों लूला डा सिल्वा (lula da silva) ने जीत हासिल कर ली है। लूला ने अपनी जीत के बाद विजयी भाषण में शांति और एकता का आह्वान भी किया। लूला ब्राजील के राष्ट्रपति बने इसके लिए देश की जनता ने भी उनका पूरा समर्थन किया। अधिकांश चुनावों के सर्वे के मुताबिक, लूला फिर से देश के राष्ट्रपति चुने जाने वाले पंसदीदा उम्मीदवार थे। बता दें कि लूला को 50.8 प्रतिशत वोट मिले तो वहीं बोल्सोनारो को केवल 49.2 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए। वामपंथी विचारों वाले लूला पहले भी ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके है और अब एक दशक बाद राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने एक आश्चर्यजनक वापसी की है।
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लुइज इनासियों लूला डा सिल्वा को लूला के नाम से भी जाना जाता है। 77 वर्षीय लूला वामपंथी विचार रखते है और तीन साल पहले वे भ्रष्टाचार के मामले में सजा काट रहे थे। सजा के दौरान उन्हें चुनाव से दरकिनार कर दिया गया था। इससे पहले वर्ष 2002 में लूला, ब्राजील के पहले श्रमिक वर्ग के अध्यक्ष बने थे। 2010 में दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद लूला ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया। उस दौरान लूला 90 प्रतिशत के करीब अनुमोदन रेटिंग के साथ बेहद लोकप्रिय माने जाते थे। लूला 2003 से 2010 के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके हैं। लूला ने अपने राजनीतिक करियर में छठी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था। उन्होंने पहली बार 1989 में ब्राजील के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था।
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