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अलेक्जेंडर लुकाशेंको सातवीं बार बने बेलारूस के राष्ट्रपति

बेलारूस के राष्ट्रपति के रूप में अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने अपना सातवां कार्यकाल हासिल कर लिया है, जिससे उनका 30 साल का अधिनायकवादी शासन और बढ़ गया। 26 जनवरी 2025 को हुए चुनाव में लुकाशेंको ने लगभग 87% वोट हासिल किए, जिसे घरेलू विपक्ष और अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करार दिया है।

चुनाव परिणाम और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

आधिकारिक परिणाम: केंद्रीय चुनाव आयोग ने लुकाशेंको की जीत 86.8% वोट के साथ घोषित की, जबकि विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना तिखानोव्सकाया को लगभग 3% वोट मिले।
विपक्ष का रुख: निर्वासन में रह रही तिखानोव्सकाया ने चुनाव को “प्रहसन” करार दिया और वैश्विक नेताओं से परिणामों को खारिज करने की अपील की।
पश्चिमी प्रतिक्रिया: यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने चुनाव की निंदा की, इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन और वास्तविक राजनीतिक भागीदारी का दमन बताया। उन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की कमी का हवाला दिया और नए प्रतिबंधों की धमकी दी।
रूस और चीन का समर्थन: इसके विपरीत, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लुकाशेंको को उनकी “आत्मविश्वासपूर्ण जीत” पर बधाई दी, और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बेलारूस और चीन के बीच मित्रता को जारी रखने की इच्छा व्यक्त की।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और निरंतर दमन

विपक्ष का दमन: 1994 से सत्ता में बने रहने वाले लुकाशेंको ने विपक्ष और स्वतंत्र मीडिया पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखा है। 2020 के चुनाव, जिसने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किए थे, के बाद कठोर कार्रवाई हुई, जिसमें कई राजनीतिक विरोधियों को जेल या निर्वासन में भेज दिया गया।
निरंतर दमन: मौजूदा चुनाव में भी विपक्षी नेताओं को भाग लेने से रोका गया, कई को कैद कर लिया गया या निर्वासित कर दिया गया। शासन ने असहमति पर अपना नियंत्रण तेज कर दिया है, यहां तक कि मामूली विरोध कार्यों को भी अपराध घोषित कर दिया है।

बेलारूस और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए प्रभाव

क्षेत्रीय स्थिरता: लुकाशेंको के विस्तारित शासन और रूस के साथ उनके गठजोड़ ने क्षेत्रीय स्थिरता पर चिंता बढ़ा दी है, खासकर यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के मद्देनजर। बेलारूस में रूसी परमाणु हथियारों की तैनाती ने तनाव को और बढ़ा दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य: चुनाव परिणामों ने बेलारूस की रूस पर निर्भरता को गहरा कर दिया है। पश्चिमी देशों ने नाराजगी व्यक्त की है और आगे के प्रतिबंधों पर विचार कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर विभाजित है, कुछ देशों ने चुनाव को मान्यता दी है, जबकि अन्य ने इसे धोखाधड़ी करार दिया है।

मुख्य बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने 26 जनवरी 2025 को हुए विवादास्पद चुनाव में 86.8% वोट के साथ बेलारूस के राष्ट्रपति के रूप में अपना सातवां कार्यकाल जीता। विपक्ष और पश्चिमी देशों ने इसे धोखाधड़ी करार देते हुए खारिज कर दिया। रूस और चीन ने परिणाम का समर्थन किया।
चुनाव की तारीख 26 जनवरी 2025
विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना तिखानोव्सकाया (निर्वासन में, चुनाव को “प्रहसन” कहा)
लुकाशेंको का शासन 1994 से
वोट प्रतिशत लुकाशेंको: 86.8%, तिखानोव्सकाया: ~3%
पश्चिमी प्रतिक्रिया चुनाव को धोखाधड़ी बताया गया; बेलारूस पर संभावित प्रतिबंध लगाने पर विचार।
रूस और चीन का रुख लुकाशेंको की जीत का समर्थन; पुतिन और शी जिनपिंग ने बधाई संदेश भेजे।
क्षेत्रीय तनाव बेलारूस में रूसी परमाणु हथियार तैनात; यूक्रेन संघर्ष से जुड़े मुद्दों के कारण तनाव बढ़ा।
बेलारूस – स्थिर तथ्य राजधानी: मिन्स्क; राष्ट्रपति: अलेक्जेंडर लुकाशेंको; प्रमुख सहयोगी: रूस, चीन।
अलेक्जेंडर लुकाशेंको सातवीं बार बने बेलारूस के राष्ट्रपति |_3.1