लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी भारतीय नौसेना की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं जिन्हें भारत के राष्ट्रपति का एडीसी (Aide-De-Camp) नियुक्त किया गया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि अब तक नौसेना से कोई भी महिला इस पद पर नहीं पहुंची थी। एडीसी का काम राष्ट्रपति की मदद करना और सेना से जुड़े कामों में उनका सहयोग करना होता है। भारत के राष्ट्रपति तीनों सेनाओं – थल, वायु और नौसेना – के सर्वोच्च कमांडर होते हैं। उनके पास कुल पांच एडीसी होते हैं, जिनमें तीन थल सेना से, और एक-एक वायु सेना और नौसेना से होते हैं। यशस्वी सोलंकी को इसी परंपरा के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की टीम में शामिल किया गया है।
27 वर्षीय लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पहली महिला एड-डि-कैंप (ADC) नियुक्त किया गया है। उनका चयन अप्रैल 2025 में हुआ था और उन्होंने 9 मई 2025 को यह ऐतिहासिक जिम्मेदारी संभाली। यह नियुक्ति महिलाओं को सैन्य और राजकीय भूमिकाओं में सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
यशस्वी सोलंकी हरियाणा के चरखी दादरी जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक और माता गृहिणी हैं। वह भारतीय नौसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपने समर्पण, साहस और परिश्रम से यह साबित किया है कि महिलाएं रक्षा सेवाओं में भी उच्च पदों तक पहुंच सकती हैं।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। साल 2012 में उन्होंने शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत नौसेना की लॉजिस्टिक ब्रांच ज्वाइन की। पांच से सात साल कड़ी मेहनत और नौसेवा में सेवाएं देने के बाद उन्हें राष्ट्रपति का एडीसी नियुक्त किया गया है।
ADC (Aide-de-Camp) राष्ट्रपति के साथ राजकीय, कूटनीतिक और औपचारिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
वे राष्ट्रपति और आगंतुकों/अधिकारियों के बीच संपर्क अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं।
राष्ट्रपति को ब्रीफिंग तैयार करना और कार्यक्रमों की समन्वयता करना उनकी जिम्मेदारी होती है।
उन्हें राष्ट्रपति भवन के पास एक ड्यूटी रूम दिया जाता है और वे 24×7 ड्यूटी पर रहते हैं।
परंपरागत रूप से 5 ADC चुने जाते हैं: सेना (3), नौसेना (1), वायु सेना (1)
पहली बार महिला नौसैनिक अधिकारियों को इस भूमिका के लिए विचार किया गया
चयन मानदंड में शामिल थे:
शारीरिक फिटनेस और न्यूनतम 173 सेमी ऊंचाई
बुद्धिमत्ता, अनुकूलन क्षमता, आत्मविश्वास और संवाद कौशल
राष्ट्रपति भवन में 15 दिन का मूल्यांकन और राष्ट्रपति के साथ व्यक्तिगत साक्षात्कार
नौसेना से तीन महिला अधिकारियों की शॉर्टलिस्टिंग हुई, जिनमें से यशस्वी का चयन हुआ
उम्र: 27 वर्ष
पृष्ठभूमि: तकनीकी अधिकारी, पूर्व में हैदराबाद स्थित नेवल आर्मामेंट (रक्षा उत्पादन) में कार्यरत
कार्यकाल: लगभग 2.5 से 3 वर्ष
व्यक्तिगत बयान:
“मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे राष्ट्रपति की ADC बनने का मौका मिलेगा… अब मुझे हर सेकंड अपडेट रहना होता है, क्योंकि राष्ट्रपति कभी भी कोई भी सवाल पूछ सकती हैं।”
सैन्य इतिहास में एक बड़ा लैंगिक बदलाव, जहाँ एक शीर्ष राजकीय-सैन्य भूमिका में महिला की नियुक्ति हुई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देती है
आने वाले समय में महिलाओं के लिए उच्च सैन्य पदों के द्वार खोलती है
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