2 जून, 2025 को जम्मू और कश्मीर के खूबसूरत शहर भद्रवाह में सीएसआईआर-आईआईआईएम द्वारा सीएसआईआर-अरोमा मिशन के तहत आयोजित तीसरे लैवेंडर महोत्सव का समापन हुआ। इस महोत्सव में भारत भर के हितधारकों के साथ ग्रामीण आजीविका पर लैवेंडर की खेती के प्रभाव का जश्न मनाया गया।
तीसरा लैवेंडर महोत्सव 2 जून, 2025 को जम्मू और कश्मीर के भद्रवाह में संपन्न हुआ, जिसमें भारत की बैंगनी क्रांति में इस क्षेत्र की बढ़ती भूमिका का जश्न मनाया गया। अरोमा मिशन के तहत सीएसआईआर-आईआईआईएम द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में लैवेंडर की खेती से सुदूर हिमालयी समुदायों में होने वाले आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन पर प्रकाश डाला गया, जिसमें किसानों, वैज्ञानिकों, निवेशकों और नीति निर्माताओं सहित 1,200 से अधिक हितधारकों ने भाग लिया।
चर्चा में क्यों?
लैवेंडर फेस्टिवल 2025 ने चल रहे CSIR-अरोमा मिशन में एक मील का पत्थर साबित हुआ। भद्रवाह के लैवेंडर उद्योग ने लाइव प्रदर्शनों, क्रेता-विक्रेता बैठकों और स्टार्टअप सफलता की कहानियों के माध्यम से अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम ने काफी ध्यान आकर्षित किया और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में इसकी शोभा बढ़ाई। इस क्षेत्र में लैवेंडर की खेती ने ₹10.5 करोड़ से अधिक का आर्थिक मूल्य उत्पन्न किया है, जो ग्रामीण सशक्तिकरण को दर्शाता है।
लक्ष्य एवं उद्देश्य
- हिमालयी क्षेत्रों में लैवेंडर की खेती को बढ़ावा देना।
- सीएसआईआर-अरोमा मिशन के तहत भारत के सुगंध उद्योग को मजबूत करना।
- प्रशिक्षण, रोपण सामग्री और बाजार संपर्क के साथ ग्रामीण किसानों और उद्यमियों को सशक्त बनाना।
- लैवेंडर नर्सरी के माध्यम से महिला उद्यमिता को समर्थन प्रदान करें।
लैवेंडर महोत्सव 2025 की मुख्य विशेषताएं
- स्थान: सरकारी डिग्री कॉलेज, भद्रवाह, जम्मू और कश्मीर
- तिथियाँ: 1-2 जून, 2025
- आयोजक : सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (सीएसआईआर-IIIM)
- के संरक्षण में : डॉ. एन. कलैसेलवी, महानिदेशक, सीएसआईआर
प्रमुख प्रतिभागी
- मुख्य अतिथि: डॉ. जितेंद्र सिंह (केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री)
- अन्य अतिथि: स्थानीय विधायक, डीडीसी सदस्य, उद्यमी, सीएसआईआर संस्थानों के वैज्ञानिक
- उपस्थित लोग: 1,200 से अधिक प्रतिभागी – किसान, स्टार्टअप, निवेशक, नीति निर्माता
इवेंट की विशेषताएं
- लैवेंडर फार्मों का क्षेत्रीय दौरा
- लाइव आसवन प्रदर्शन
- किसानों की सफलता की कहानियों पर आधारित तकनीकी सत्र
- सुश्री रुचिता राणे (विवेक PARC फाउंडेशन) द्वारा आयोजित क्रेता-विक्रेता बैठक
- सुगंध निर्माण इकाइयों का भ्रमण
परिणाम और उपलब्धियां
- भद्रवाह के लैवेंडर तेल और सूखे फूलों से ₹10.5 करोड़ का कारोबार हुआ।
- 1,500 किलोग्राम लैवेंडर तेल और 93,000 किलोग्राम सूखे फूल उत्पादित किये गये।
- जम्मू और कश्मीर में 50 से अधिक आसवन इकाइयां स्थापित की गईं।
- 5,000 से अधिक किसान/उद्यमी लगे हुए हैं; 3,000 से अधिक परिवार लैवेंडर की खेती कर रहे हैं।
- 9,000 से अधिक लोगों को लैवेंडर की खेती और प्रसंस्करण में प्रशिक्षित किया गया।
- मूल्य संवर्धन पर ध्यान दें: इत्र, तेल, साबुन, सौंदर्य प्रसाधन, मोमबत्तियाँ।
- ग्रामीण सशक्तिकरण में महिला उद्यमियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका।
लैवेंडर महोत्सव का महत्व
- दूरदराज के क्षेत्रों में टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
- आवश्यक तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए भारत के बैंगनी क्रांति के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।
- मन की बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मान्यता दी गई।
- विज्ञान, उद्योग और ग्रामीण आजीविका के बीच संबंध को मजबूत करता है।
सारांश/स्थैतिक | विवरण |
चर्चा में क्यों? | लैवेंडर महोत्सव 2025 का भद्रवाह में समापन, ग्रामीण अरोमा अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना |
आयोजन | तीसरा लैवेंडर महोत्सव |
द्वारा आयोजित | सीएसआईआर-अरोमा मिशन के तहत सीएसआईआर-IIIM |
प्रतिभागियों | 1,200+ (किसान, वैज्ञानिक, निवेशक, सार्वजनिक प्रतिनिधि) |
मुख्य बातें | फील्ड डेमो, क्रेता-विक्रेता बैठक, सफलता की कहानियाँ |
आर्थिक प्रभाव | लैवेंडर उत्पादों से ₹10.5 करोड़ का कारोबार |
कुल किसान शामिल | 5,000+; 750+ हेक्टेयर पर 3,000+ परिवारों द्वारा खेती |