अमेरिकी सेमीकंडक्टर उपकरण निर्माता लैम रिसर्च (Lam Research) ने कर्नाटक में ₹10,000 करोड़ से अधिक का निवेश करने की घोषणा की है। यह घोषणा 12 फरवरी 2025 को बेंगलुरु पैलेस में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट: इन्वेस्ट कर्नाटक 2025 में की गई। यह कदम भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करेगा और घरेलू चिप निर्माण को बढ़ावा देने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है।
लैम रिसर्च ने कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत कंपनी व्हाइटफील्ड, बेंगलुरु में जमीन पट्टे पर लेगी और बाद में इसे खरीदेगी। इस विस्तार के साथ, लैम रिसर्च का लक्ष्य ऑपरेशंस का विस्तार, अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ाना, और भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना है।
लैम रिसर्च के निवेश के प्रमुख बिंदु
निवेश की घोषणा और समझौता ज्ञापन (MoU)
- ₹10,000 करोड़ से अधिक का निवेश अगले कुछ वर्षों में किया जाएगा।
- KIADB के साथ समझौता – बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड में भूमि अधिग्रहण के लिए।
- सेमीकंडक्टर उद्योग का विस्तार – भारत में लैम रिसर्च के ग्रोथ प्लान को समर्थन।
निवेश का महत्व
- भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को बढ़ावा – प्रधानमंत्री मोदी की “सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भर भारत” की दृष्टि को मजबूत करेगा।
- कर्नाटक को मजबूती – मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह राज्य को सेमीकंडक्टर निर्माण में एक अग्रणी केंद्र बनाएगा।
- भारतीय आपूर्ति श्रृंखला का विकास – लैम रिसर्च भारत में सेमीकंडक्टर उपकरण उत्पादन और सोर्सिंग बढ़ाएगा।
प्रमुख नेताओं के बयान
रंगेश राघवन (महाप्रबंधक, लैम रिसर्च इंडिया):
“हम उद्योग की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए बेंगलुरु में ₹10,000 करोड़ से अधिक का निवेश करेंगे।”
अश्विनी वैष्णव (केंद्रीय आईटी मंत्री):
“भारत के सेमीकंडक्टर सफर में यह एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है; यह भारत के विजन में वैश्विक निवेशकों का भरोसा दर्शाता है।”
सिद्धारमैया (कर्नाटक मुख्यमंत्री):
“यह निवेश कर्नाटक को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।”
लैम रिसर्च का परिचय और भारत में संचालन
- स्थापना: 1980, मुख्यालय फ्रेमोंट, कैलिफोर्निया, अमेरिका।
- सेमीकंडक्टर उपकरणों में वैश्विक अग्रणी – DRAM, नॉन-वोलाटाइल मेमोरी, और लॉजिक डिवाइस बनाता है।
- वैश्विक अनुसंधान केंद्र: भारत, अमेरिका, कोरिया और ताइवान में।
भारत में उपस्थिति:
- 2001 – बेंगलुरु में “इंडिया सेंटर फॉर इंजीनियरिंग (ICE)” की स्थापना।
- 2022 – पहला ICE लैब खोला।
- 2024 – उन्नत सिस्टम लैब की आधारशिला रखी।
भविष्य की योजनाएं और विस्तार
- भारत में आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना – कई भारतीय निर्मित कंपोनेंट अब वैश्विक उत्पादन के लिए योग्य हो चुके हैं।
- बेंगलुरु में सेमीकंडक्टर निर्माण और अनुसंधान क्षमताओं का विस्तार।
- वैश्विक चिप आपूर्ति श्रृंखला में योगदान – उद्योग की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए।
निष्कर्ष
लैम रिसर्च का यह बड़ा निवेश भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को मजबूत करेगा, जिससे तकनीकी आत्मनिर्भरता, रोजगार और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। इससे कर्नाटक एक वैश्विक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरने की ओर अग्रसर होगा।
Summary/Static | Details |
Why in the news? | लैम रिसर्च ने कर्नाटक के सेमीकंडक्टर उद्योग में ₹10,000 करोड़ का निवेश करने की घोषणा की। |
Location | व्हाइटफील्ड, बेंगलुरु, कर्नाटक |
MoU Signed With | कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB) |
Purpose | भारत में सेमीकंडक्टर अनुसंधान, उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार |
Significance | भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देना और कर्नाटक की टेक्नोलॉजी में नेतृत्व को मजबूत करना |
Key Leaders’ Comments | मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और लैम इंडिया के महाप्रबंधक रंगेश राघवन का समर्थन |
Company Background | 1980 में स्थापित, मुख्यालय फ्रेमोंट, कैलिफोर्निया; सेमीकंडक्टर निर्माण उपकरणों में अग्रणी |
Existing Presence in India | 2001 से बेंगलुरु में इंडिया सेंटर फॉर इंजीनियरिंग (ICE) |
Future Plans | भारत में सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ाना |