कुंभकोणम पान पत्ता (थंजावुर) और थोवलई फूलों की माला (कन्याकुमारी) को भारत सरकार द्वारा भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्रदान किया गया है। इस मान्यता के साथ, तमिलनाडु के कुल जीआई उत्पादों की संख्या 62 हो गई है। चार महीने की समीक्षा प्रक्रिया के बाद, 30 नवंबर 2024 को सरकारी गजट में इन उत्पादों की आधिकारिक जीआई स्थिति प्रकाशित की गई।
यह टैग इन उत्पादों को व्यावसायिक दुरुपयोग और नकली उत्पादन से बचाता है।
स्थानीय उत्पादकों को प्रामाणिकता और बाजार में विशेष पहचान दिलाता है।
तमिलनाडु के किसानों और शिल्पकारों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देता है।
थंजावुर की उपजाऊ कावेरी नदी घाटी में उगाया जाता है, जिससे इसमें अनूठा स्वाद और सुगंध होती है।
तिरुवैयारू, पापनासम, थिरुविदैमरुदुर, कुंभकोणम और राजागिरि क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है।
इस मान्यता से पान के पत्तों के निर्यात और व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
दक्षिणी तमिलनाडु और केरल में प्रसिद्ध है।
सफेद, लाल और हरे फूलों से बुनी गई कलात्मक माला, जिसे चटाई जैसी शैली में तैयार किया जाता है।
अपनी अनूठी शिल्पकारी और फूलों की विशेष व्यवस्था के लिए पहचानी जाती है।
| श्रेणी | विवरण |
| उत्पाद | कुंभकोणम पान पत्ता, थोवलई फूलों की माला |
| स्थान | थंजावुर, कन्याकुमारी |
| जीआई टैग प्रदान किया गया | अप्रैल 2025 |
| तमिलनाडु के कुल जीआई उत्पाद | 62 |
| महत्व | दुरुपयोग रोकता है, व्यापार को बढ़ावा देता है, प्रामाणिकता सुनिश्चित करता है |
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
झारखंड ने 2025–26 सत्र में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) जीतकर इतिहास रच दिया। ईशान…
बेंगलुरु के पास स्थित बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (Bannerghatta Biological Park) ने संरक्षण-उन्मुख चिड़ियाघर प्रबंधन को…
टेलीकॉम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारती एयरटेल ने शीर्ष प्रबंधन स्तर पर एक अहम नेतृत्व…
लोकसभा ने 18 दिसंबर 2025 को विरोध, हंगामे और मात्र आठ घंटे की बहस के…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वार्षिक संवाद कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा' (PPC) के 9वें संस्करण को…
भारत और ओमान ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर कर खाड़ी क्षेत्र में…