कोनेरु हम्पी ने 37 वर्ष की आयु में न्यूयॉर्क में अपना दूसरा महिला विश्व रैपिड शतरंज चैम्पियनशिप खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। उनका सफर, जो सेवानिवृत्ति पर विचार करने से लेकर विश्व खिताब फिर से जीतने तक का है, उनकी दृढ़ता और खेल के प्रति जुनून को दर्शाता है। हम्पी की कहानी केवल शतरंज में जीत की नहीं है, बल्कि मातृत्व, पारिवारिक सहयोग और एक चुनौतीपूर्ण पेशेवर शतरंज करियर के संतुलन की भी है।
2024 विश्व रैपिड चैम्पियनशिप
| सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
| समाचार में क्यों? | कोनेरु हम्पी: संन्यास के संदेह से रैपिड शतरंज की महिमा तक। |
| 2024 चैम्पियनशिप स्थल | न्यूयॉर्क |
| प्रदर्शन | 8.5/11 अंक |
| मुख्य प्रतिद्वंद्वी | जू वेंजुन (चीन), काटेरिना लग्नो (रूस), इरीन सुकंदर (इंडोनेशिया) |
| पारिवारिक सहयोग | पति और माता-पिता, विशेष रूप से टूर्नामेंट के दौरान बच्चों की देखभाल के लिए। |
| महत्व | दूसरा महिला विश्व रैपिड खिताब; भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा। |
| भविष्य की योजना | प्रतिस्पर्धा जारी रखना और शतरंज के अगले पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करना। |
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