यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) और फेडरल बैंक (Federal Bank) ने किसानों को डिजिटल तरीके से केसीसी देना शुरू किया है। इन बैंकों ने पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू किये हैं। इन पायलट प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत किसानों को केसीसी के लिए बैंक आने की जरूरत नहीं होगी। बैंक केसीसी प्राप्त करने के लिए भूमि रिकॉर्ड जैसे भौतिक दस्तावेजों की जरूरत और बैंक शाखा में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने जैसी अनिवार्यता को समाप्त कर रहे हैं।
Bank Maha Pack includes Live Batches, Test Series, Video Lectures & eBooks
सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने मध्य प्रदेश के हरदा जिले से इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया है। जबकि, निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक ने चेन्नई से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया है। ये प्रोजेक्ट्स ग्रामीण वित्त के डिजिटलीकरण के लिए रिजर्व बैंक की पहल का हिस्सा हैं। इसमें बैंक, रिजर्व बैंक के नवोन्मेषण केन्द्र (आरबीआईएच) के साथ सहयोग कर रहे हैं।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि वह धीरे-धीरे इसे देश के अन्य राज्यों में फैलाएगा।
बैंक ने कहा कि वह फ्लैगशिप डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट ‘संभव’ के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के एंड-टू-एंड डिजिटलाइजेशन की पेशकश करता है। किसान केसीसी के लिए केवल एक मोबाइल हैंडसेट से आवेदन कर सकता है। किसान को किसी शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं है। बैंक ने कहा कि इस प्रोसेस में कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि कृषि भूमि का सत्यापन ऑनलाइन किया जाएगा।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]आईसीआईसीआई बैंक और टाइम्स इंटरनेट ने ‘टाइम्स ब्लैक आईसीआईसीआई बैंक क्रेडिट कार्ड’ लॉन्च किया है,…
टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी, जो टाटा पावर की एक इकाई है, ने छत पर सोलर…
एनटीपीसी, जो भारत की प्रमुख पावर कंपनी है, ने बिहार में एक न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट…
भारत पहली बार 2025 पैरा एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी करने के लिए तैयार है,…
भारत ने 20 दिसंबर 2024 को थाईलैंड द्वारा वर्चुअल रूप से आयोजित 24वीं BIMSTEC वरिष्ठ…
हर साल 21 दिसंबर को विश्व बास्केटबॉल दिवस मनाया जाता है, जो इस खेल के…