केरल स्वास्थ्य विभाग ने nPROUD (न्यू प्रोग्राम फॉर रिमूवल ऑफ अनयूज्ड ड्रग्स) पहल शुरू की है, जो खराब और अनुपयोगी दवाओं के सुरक्षित निपटान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गलत तरीके से दवाओं के निपटान से होने वाले पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी खतरों को रोकना है। केरल भारत का पहला राज्य है जिसने इस तरह की सरकारी स्तर पर संचालित दवा निपटान योजना लागू की है।
यह पहल घरों और मेडिकल स्टोर्स से खराब और अनुपयोगी दवाओं को इकट्ठा करके वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए बनाई गई है। इसे सबसे पहले कोझिकोड कॉर्पोरेशन और उल्लीयेरी पंचायत में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा, जहां लगभग 2 लाख घरों और कई फार्मेसियों को कवर किया जाएगा। बाद में इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
nPROUD कार्यक्रम 2019 में शुरू किए गए PROUD (Programme on Removal of Unused Drugs) की अगली कड़ी है, जिसे केरल राज्य औषधि नियंत्रण विभाग और ऑल केरल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (AKCDA) द्वारा लॉन्च किया गया था।
nPROUD भारत में अपनी तरह की पहली पहल है और अन्य राज्यों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती है। दिल्ली और कर्नाटक के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पहले ही इस मॉडल में रुचि दिखाई है। केरल सरकार को उम्मीद है कि यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माण में बदलाव लाने और पूरे भारत में दवा निपटान को अनिवार्य बनाने में सहायक होगी।
इस कार्यक्रम का आधिकारिक शुभारंभ 22 फरवरी, 2025 को कोझिकोड में केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के नेतृत्व में होगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने वाली इस पहल को देशव्यापी क्रियान्वयन के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।
विषय | विवरण |
क्यों चर्चा में? | केरल ने nPROUD (न्यू प्रोग्राम फॉर रिमूवल ऑफ अनयूज्ड ड्रग्स) लॉन्च किया, जो खराब और अनुपयोगी दवाओं के सुरक्षित निपटान के लिए एक पहल है। |
लॉन्च तिथि | 22 फरवरी, 2025 |
पायलट स्थान | कोझिकोड कॉर्पोरेशन और उल्लीयेरी पंचायत |
संग्रहण विधियां | 1. घरों से संग्रहण – हरिता कर्म सेना और कुदुंबश्री के स्वयंसेवक मुफ्त में दवाएं एकत्र करेंगे। |
2. फार्मेसी ड्रॉप-ऑफ – मेडिकल स्टोर्स में नीले कूड़ेदान (Blue Bins) रखे जाएंगे। | |
3. विशेष अभियान – “गो ब्लू डे” जैसे विशेष आयोजन किए जाएंगे। | |
निपटान प्रक्रिया | सभी एकत्रित दवाओं को KEIL, एर्नाकुलम में वैज्ञानिक रूप से जलाकर नष्ट (Incineration) किया जाएगा। |
निपटान शुल्क | घरों के लिए निःशुल्क, लेकिन व्यावसायिक इकाइयों (खुदरा विक्रेता, थोक व्यापारी, अस्पताल) के लिए ₹40 प्रति किलोग्राम शुल्क। |
पृष्ठभूमि | यह 2019 में शुरू किए गए PROUD कार्यक्रम पर आधारित है, जो लॉजिस्टिक्स और लागत संबंधी चुनौतियों के कारण सीमित था। |
राष्ट्रीय प्रभाव | केरल भारत का पहला राज्य है जिसने यह पहल शुरू की है। दिल्ली और कर्नाटक भी इसी तरह की योजना अपनाने पर विचार कर रहे हैं। |
नेतृत्व में | स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज |
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