केरल को राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों (Protected Areas – PAs) के प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन (Management Effectiveness Evaluation – MEE) 2020–2025 चक्र में भारत का सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया गया है। यह मूल्यांकन केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा किया गया। केरल को 76.22% स्कोर मिला और यह एकमात्र राज्य है जिसे “बहुत अच्छा” (Very Good) रेटिंग प्राप्त हुई है।
समाचार में क्यों?
27 जून 2025 को जारी की गई MEE रिपोर्ट 2020–2025 में केरल को राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के प्रबंधन में देश का सर्वोत्तम राज्य घोषित किया गया।
यह उपलब्धि जैव विविधता संरक्षण, स्थानीय सहभागिता और प्रभावी प्रबंधन में केरल की निरंतरता को दर्शाती है।
मुख्य बिंदु (MEE 2020–2025 के अनुसार)
स्थान | राज्य | स्कोर (%) | रेटिंग |
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1 | केरल | 76.22 | बहुत अच्छा (Very Good) |
2 | कर्नाटक | 74.24 | अच्छा |
3 | पंजाब | 71.74 | अच्छा |
4 | हिमाचल प्रदेश | 71.36 | अच्छा |
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कुल 438 संरक्षित क्षेत्रों का मूल्यांकन किया गया था।
केरल के प्रमुख संरक्षित क्षेत्र
एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान
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क्षेत्रफल: 97 वर्ग किमी
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नीलगिरी तहर (Nilgiri Tahr) का प्रमुख निवास स्थान
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नीलकुरिंजी फूल जो हर 12 साल में एक बार खिलता है
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पश्चिमी घाट के यूनेस्को विश्व धरोहर क्षेत्र में शामिल
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स्कोर: 92.97% – देश में सर्वाधिक
मथिकेतन शोला राष्ट्रीय उद्यान
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क्षेत्रफल: 12.82 वर्ग किमी
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गैलेक्सी मेंढक की एकमात्र ज्ञात प्रजाति यहीं पाई जाती है
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स्कोर: 90.63%
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हाथियों के गलियारे के रूप में भी महत्वपूर्ण
MEE क्या है?
प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन (MEE) संरक्षित क्षेत्रों की प्रबंधन गुणवत्ता का आकलन करने की एक वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त प्रक्रिया है।
मुख्य मूल्यांकन घटक:
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जैव विविधता संरक्षण
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आवास गुणवत्ता
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सामुदायिक सहभागिता
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अवसंरचना
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अनुकूली प्रबंधन
केंद्रीय क्षेत्र और केंद्रशासित प्रदेशों का प्रदर्शन
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सर्वश्रेष्ठ केंद्रशासित प्रदेश: चंडीगढ़ (85.16%)
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निम्नतम: लद्दाख (34.9%) – रेटिंग: “कमजोर”
केरल के लिए सिफारिशें
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एराविकुलम NP में कोट्टायम डिवीजन जैसे आस-पास के क्षेत्रों को जोड़ें
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इको-पर्यटन ढांचे को बेहतर करें
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विदेशी/आक्रामक प्रजातियों को हटाएं
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वैज्ञानिक संस्थानों, NGO और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर संरक्षण कार्य करें
महत्वपूर्ण पहलू
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यह प्रदर्शन जैव विविधता संधि (CBD) के तहत भारत की वैश्विक प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है
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केरल के प्रयास स्थानीय रोजगार, पर्यटन, और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण में सहायक हैं