भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिज़र्व की निदेशक डॉ. सोनाली घोष को संरक्षित क्षेत्रों के सतत प्रबंधन में नवाचार (Innovation in Sustainable Protected Area Management) के लिए प्रतिष्ठित केंटन आर. मिलर अवॉर्ड (Kenton R. Miller Award) से सम्मानित किया गया है।
यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की इकाई वर्ल्ड कमीशन ऑन प्रोटेक्टेड एरियाज़ (WCPA) द्वारा 10 अक्टूबर 2025 को अबू धाबी में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया। डॉ. घोष यह सम्मान प्राप्त करने वाली पहली भारतीय हैं। उन्होंने यह पुरस्कार इक्वाडोर के रोक सिमोन सेविला लारेआ (Roque Simón Sevilla Larrea) के साथ साझा किया।
यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों और जैव विविधता क्षेत्रों के प्रबंधन में नवोन्मेषी और सतत मॉडल प्रस्तुत किए हों।
इसे WCPA (World Commission on Protected Areas) द्वारा संचालित किया जाता है, जो IUCN की छह तकनीकी आयोगों में से एक है।
यह पुरस्कार प्रसिद्ध पर्यावरणविद केंटन आर. मिलर के नाम पर है और विश्वभर में सतत प्राकृतिक संसाधन उपयोग व जैव विविधता संरक्षण रणनीतियों को बढ़ावा देने वाले नवाचारों को सम्मानित करता है।
IUCN के अनुसार, डॉ. घोष को उनके समुदाय-आधारित संरक्षण मॉडल के लिए सम्मानित किया गया, जो निम्नलिखित तत्वों को जोड़ता है —
पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान
आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण
समुदाय की जागरूकता और भागीदारी
संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्रों में जमीनी कार्यान्वयन
उनका यह मॉडल असम के मानस और काज़ीरंगा जैसे संरक्षण परिदृश्यों में विशेष रूप से सफल रहा है, जहाँ उन्होंने स्थानीय समुदायों और वन्यजीवों दोनों के लिए सतत संरक्षण प्रणाली स्थापित की है।
डॉ. घोष एक अनुभवी वन अधिकारी और संरक्षण वैज्ञानिक हैं।
वर्तमान में वे काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिज़र्व की निदेशक हैं, जो अपने एक-सींग वाले गैंडों और समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
उन्होंने अपने कार्य में निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है:
वन्यजीव प्रबंधन
पारिस्थितिकीय अनुसंधान
सामुदायिक भागीदारी
नीति निर्माण और रणनीतिक योजना
उनकी पहल ने पूर्वोत्तर भारत के संरक्षित क्षेत्रों में वैज्ञानिक दृष्टि और समावेशी संरक्षण को सशक्त किया है।
डॉ. घोष का यह वैश्विक सम्मान दर्शाता है कि —
भारत सतत और सहभागी संरक्षण मॉडल में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
असम भारत की जैव विविधता संरक्षण में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।
स्थानीय समुदायों को संरक्षण के साझेदार बनाना दीर्घकालिक पर्यावरणीय सफलता का मार्ग है।
उनका यह मॉडल भारत और विश्व के अन्य पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है।
| तथ्य | विवरण |
|---|---|
| पुरस्कार का नाम | Kenton R. Miller Award |
| सम्मानित व्यक्ति | डॉ. सोनाली घोष |
| पद | निदेशक, काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिज़र्व |
| सम्मान प्रदान करने वाला संगठन | WCPA (World Commission on Protected Areas), IUCN के अंतर्गत |
| समारोह स्थल | अबू धाबी |
| तारीख | 10 अक्टूबर 2025 |
| सह-पुरस्कार विजेता | रोक सिमोन सेविला लारेआ (इक्वाडोर) |
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