ब्रह्मांडीय न्यूट्रिनो की खोज के लिए वर्ष 2002 का नोबेल पुरस्कार साझा करने वाले भौतिक विज्ञानी मासाओशी कोशिबा (Masatoshi Koshiba) का निधन। कोशिबा के सबसे प्रसिद्ध खोज में मध्य जापान की एक खदान में स्थित एक विशाल डिटेक्टर का उपयोग करके दूर के सुपरनोवा विस्फोट से न्यूट्रिनो का पता लगाना था। कोशीबा, टोक्यो विश्वविद्यालय में एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर थे।
SBI PO Combo | Prelims + Mains 2020 | Online Live Class
कोशिबा ने सूर्य से प्रवाहित होने वाले मायावी कणों, न्यूट्रिनो का पता लगाने के लिए विशाल भूमिगत कक्षों के निर्माण को तैयार किया। न्यूट्रिनो सूरज की आंतरिक कार्यप्रणाली का एक अनूठा दृश्य प्रस्तुत करते हैं क्योंकि वे इसके केंद्र में उसी प्रक्रिया से उत्पन्न होते हैं जिससे सूर्य किरणें निकलती है। उनके छात्र, तकाकी काजिता ने 2015 में सुपर-कमिओकांडे सुविधा में अनुसंधान के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीता था जिसमें न्यूट्रिनों का द्रव्यमान पाया गया था।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने खाता एग्रीगेटर (AA) पारिस्थितिकी तंत्र के लिए स्व-नियामक संगठन (SRO)…
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस हर वर्ष 15 मार्च को उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देने…
मूडीज़ रेटिंग्स, एक वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी, ने अनुमान लगाया है कि भारत की आर्थिक…
टाटा कम्युनिकेशंस ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि एन गणपति सुब्रमण्यम (NGS) को…
चीन ने हाल ही में युन्नान प्रांत में लार्ज फेज़ड अरे रडार (LPAR) प्रणाली तैनात…
गूगल ने हाल ही में Gemma 3 लॉन्च किया है, जो इसकी हल्के और उन्नत…