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जम्मू-कश्मीर ग्राम रक्षा गार्ड योजना को मिली मंजूरी

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जम्मू-कश्मीर के लिए VDG ग्राम रक्षा गार्ड यानि ‘विलेज डिफेंस गार्ड योजना 2022’ को सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यह योजना 15 अगस्त से आधिकारिक तौर पर प्रभावी कर दी गई है। इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने अपने एक आदेश में दी है।

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने हेतु केंद्रीय गृह मंत्रालय से इजाजत मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने VDG योजना 2022 को बनाने की मंजूरी दे दी है। आपको बता दें कि हाल ही में कुछ महीने पहले जम्मू-कश्मीर भाजपा के नेताओं ने VDG (जिसे पहले VDC के नाम से जाना जाता था) सदस्यों के साथ नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर विलेज डिफेंस ग्रुप को पुनर्गठन करने की मांग उठाई थी।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में क्या कहा गया?

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि संवेदनशील इलाकों में वीडीजी का मुखिया और समन्वय करने वाले को साढ़े 4 हजार रूपये तथा उसमें शामिल गार्डों को 4 हजार रुपए प्रति माह भुगतान किया जाएगा। वहीं ‘ग्राम सुरक्षा समूह’ को अब जिलों के पुलिस प्रमुख के सीधे नियंत्रण में काम करना होगा। अब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद विलेज डिफेंस गार्ड के सदस्य जम्मू कश्मीर के गांवों में आतंकवाद से निपटने और सेना की मदद करने का काम करेंगे। इन्हें मानदेय भी दिया जाएगा।

पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि 90 के दशक में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर था, तब हिंदुओं तथा अल्पसंख्यक मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए ‘VDC’ की स्थापना की गई थी। इसके सदस्य आतंक विरोधी अभियानों में सेना की मदद करने, असामाजिक तत्वों पर नजर रखने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। अब इस योजना को पुनर्गठित कर और नाम बदलकर ‘ग्राम रक्षा गार्ड’ यानी VDG कर दिया गया है। इसके अलावा गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि वीडीजी के सदस्यों को अब ‘गार्ड’ के नाम से जाना जाएगा और उनका वेतनमान भी निर्धारित होगा।

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