इसरो ली-आयन बैटरियों का उपयोग उपग्रह और प्रक्षेपण वाहन के अनुप्रयोगों के लिए ऊर्जा स्रोतों के रूप में करता है इसका कारण उनकी उच्च ऊर्जा घनत्व, विश्वसनीयता और लम्बा जीवन चक्र है. यह ली-आयन सेल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भेल को अंतरिक्ष ग्रेड ली-आयन सेल का निर्माण करने में सक्षम बनाएगा जो देश की अंतरिक्ष कार्यक्रम आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं.
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अर्मेनिया ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में 104वें पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होकर…
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असम सरकार ने करीमगंज जिले का आधिकारिक नाम बदलकर श्रीभूमि जिला और करीमगंज नगर का…
भारत 25 से 30 नवंबर, 2024 के बीच नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA)…
बीमा उत्पादों के गलत और जबरन विक्रय (mis-selling and force-selling) के बढ़ते मामलों को देखते…