अंतरिक्ष निकाय के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने घोषणा की कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन शुक्र ग्रह के सतह के नीचे क्या है, इसका अध्ययन करने के लिए उसकी कक्षा में एक अंतरिक्ष यान भेजेगा। इसरो दिसंबर 2024 तक मिशन को लॉन्च करने की उम्मीद कर रहा है, उसके बाद एक साल के लिए एक ऑर्बिटल मैनोवर्स की योजना बनाई गई है। ऑर्बिटल मैनोवर्स एक अंतरिक्ष यान की कक्षा को बदलने के लिए प्रणोदन प्रणाली का उपयोग है। यह एक अंतरिक्ष यान को किसी ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने में सक्षम बनाता है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
ISRO दिसंबर 2024 में ऑर्बिटल मैनोवर्स को लॉन्च करने की योजना बना रहा है जब पृथ्वी और शुक्र एक सीध में आ जाएंगे। अगर इस समय लॉन्चिंग होगी तो कम से कम प्रोपेलैंट इस्तेमाल करके इसे वीनस की ऑर्बिट में स्थापित किया जा सकेगा। सोमनाथ ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “शुक्र पर एक मिशन का निर्माण और उसे स्थापित करना भारत के लिए बहुत कम समय में संभव है क्योंकि आज भारत के पास क्षमता है।”
मिशन का उद्देश्य क्या है (What is the aim of the Mission)?
मिशन का उद्देश्य शुक्र ग्रह के वातावरण का अध्ययन करना है, जिसकी प्रकृति विषाक्त और संक्षारक है क्योंकि सल्फ्यूरिक एसिड के बादल ग्रह को पूरी तरह से कवर करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देश भी शुक्र पर मिशन भेजने की योजना बना रहे हैं ताकि यह समझने की कोशिश की जा सके कि यह कैसे एकभयानक स्थान या नरक (inferno) बन गया। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि शुक्र कभी पृथ्वी के समान था।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…
भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…
जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…
जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…