भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने घोषणा की है कि उसने चंद्रमा लैंडर “विक्रम” से संपर्क खो दिया, जिसे दोपहर 1.30 बजे और 2.30 बजे (IST) के बीच चंद्रमा पर उतरना था। आगे के लिए रोवर “प्रज्ञान” को सुबह 5.30 बजे से 6.30 बजे के बीच निर्धारित किया गया। लैंडर “विक्रम” ने 30 किमी की ऊँचाई से 1,680 मीटर प्रति सेकंड के वेग से लगभग 1.38 बजे उतरना शुरू किया, लेकिन जब चंद्रयान -2 ऑर्बिटर जब चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था इसके साथ ही उसने अपना संपर्क खो दिया था।
इसरो के अनुसार, लैंडर का प्रदर्शन योजना के अनुसार तब तक सही था जब तक वह चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी दूर था। हालांकि, 2,379 किलोग्राम के चंद्रयान -2 ऑर्बिटर की चंद्रमा के चारों परिक्रमा जारी है, जिसका मिशन जीवन एक वर्ष का है।
इसरो ने चंद्रयान-2 (22 जुलाई, 2019 को) को भारत के भारी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क III (जीएसएलवी एमके III) से अंतरिक्ष में लॉन्च किया था। चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान में तीन खंड शामिल थे: ऑर्बिटर, लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान‘।
स्रोत : द लाइवमिंट