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इसरो ने चंद्रयान-3 को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित किया

इसरो ने चंद्रयान-3 को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित किया |_3.1

चंद्रयान-3 धरती की कक्षा में सफल चक्कर लगा अब चांद की यात्रा पर तेजी से बढ़ रहा है। इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) अब धरती के सफल चक्‍कर लगाकर चांद की ओर निकल चुका है। अब इसका अंतिम पड़ाव चंद्रमा का सतह होगा जहां सॉफ्ट लैंडिंग होनी है। धरती की कक्षा से चंद्रयान-3 को बाहर निकालने के लिए थर्स्ट फायरिंग की गई है। वहीं इसरो ने अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर ऑर्बिट में भेज दिया गया है। अब स्‍पेसक्राफ्ट को 5 अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा। इसरो के मुताबिक अब तक के सभी चरणों को कामयाबी के साथ पूरा किया गया है। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी करायी जाएगी। बता दें कि चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को चांद का सफर शुरू किया था।

बता दें कि चंद्रयान 3 से भारत को काफी उम्‍मीदें हैं। चंद्रयान-2 मिशन जिन वजहों से कामयाब नहीं हो सका, उन वजहों को बारीकी से अध्‍ययन करने के बाद चंद्रयान 3 को कई स्‍तर पर अपग्रेड किया गया है, ताकि इस बार मिशन की सफलता को सुनिश्चित किया जा सके। चंद्रयान 3 के जरिए भारत चांद की स्‍टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्‍यों से पर्दा हटाएगा। चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा, वहां के वातावरण, खनिज, मिट्टी वगैरह जुड़ी तमाम जानकारियों को जुटाएगा। बता दें 2008 में जब इसरो ने भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, तब इसने चंद्रमा की परिक्रमा की और चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी।

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