भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण, मिशन कार्यान्वयन और संयुक्त अनुसंधान प्रयोगों को बढ़ावा देना है। ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ और ESA के महानिदेशक डॉ. जोसेफ आशबाचर द्वारा हस्ताक्षरित इस समझौते से सहयोग का एक मजबूत ढांचा स्थापित किया गया है, जो दोनों प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच संबंधों को सशक्त करेगा।
समझौते के विवरण मुख्य क्षेत्र शामिल हैं:
Axiom-4 मिशन सहयोग
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS)
नेतृत्व टिप्पणियाँ
भविष्य की संभावनाएँ
क्यों समाचार में है? | ISRO, ESA ने मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए साझेदारी की |
समझौता किसके बीच है? | ISRO (भारत) और ESA (यूरोप) |
मुख्य ध्यान केंद्र | अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण, प्रयोग विकास, ISS सुविधाओं का उपयोग, मानव और जैव चिकित्सा अनुसंधान, संयुक्त आउटरीच |
Axiom-4 मिशन | सहयोग में गगन्यात्रि अंतरिक्ष यात्री और ESA अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे, भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित प्रयोग |
ISS का उपयोग | ESA की सुविधाएं ISRO के प्रयोगों और अनुसंधान गतिविधियों का समर्थन करेंगी |
भविष्य की योजनाएं | ESA के मानव शारीरिक अध्ययन में भागीदारी और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का विकास |
हस्ताक्षरकर्ता | एस. सोमनाथ (ISRO अध्यक्ष) और डॉ. जोसेफ आशबाचर (ESA महानिदेशक) |
नेतृत्व टिप्पणियाँ | दोनों नेताओं ने जारी सहयोग की सराहना की और दीर्घकालिक साझेदारी के महत्व पर जोर दिया |
महत्व | मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम |
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