मनोज कुमार दुबे ने रेल मंत्रालय के तहत भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का पदभार संभाल लिया। वर्ष 1993 बैच के भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) के अधिकारी दुबे इससे पहले कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर) के निदेशक (वित्त) और मुख्य वित्त अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।
मनोज कुमार दुबे ने पहले कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR) में निदेशक (वित्त) और मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में कार्य किया है। उनके पास वित्तीय प्रबंधन और रणनीतिक संचालन में मजबूत अनुभव है।
दुबे ने भारत की वृद्धि के महत्वपूर्ण समय में IRFC का नेतृत्व करने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित विकसित भारत 2047 रणनीति के साथ IRFC के संरेखण का लक्ष्य रखा।
दुबे ने प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मार्गदर्शन में विकसित हो रही रेलवे अवसंरचना को स्वीकार किया। महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल हैं:
दुबे ने ₹50,755 करोड़ की शुद्ध संपत्ति और 51 लाख से अधिक शेयरधारकों के विश्वास के साथ एक संगठन में शामिल होने पर गर्व व्यक्त किया, जो भारत में किसी भी कंपनी के लिए सबसे अधिक है। IRFC का बाजार पूंजीकरण ₹2 लाख करोड़ से अधिक है, जो देश के शीर्ष सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और कंपनियों में शामिल है।
1986 में स्थापित, IRFC भारतीय रेलवे की अतिरिक्त बजटीय संसाधनों (EBR) की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से धन जुटाता है। दुबे IRFC की विकास की दिशा को मजबूत करने और इसके उधारी पोर्टफोलियो का विस्तार करने का लक्ष्य रखते हैं, जिससे वे अवसंरचना वित्त कंपनियों के साथ सह-उधारी के अवसरों की खोज करेंगे। वह पीएम गतिशक्ति कार्यक्रम के साथ प्रयासों को संरेखित करने की योजना बना रहे हैं, जो भारत के आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) के दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
दुबे हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने IIT-ISM धनबाद से MBA किया, जहाँ उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल प्राप्त किया। उनके लंबे सेवा काल में उन्होंने ई-टेंडरिंग, ई-ऑक्शन सिस्टम और वेतन एवं पेंशन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण जैसी पहलों का नेतृत्व किया। उन्हें 2011 में रेलवे मंत्री से उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
दुबे ने विभिन्न सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ लोकोमोटिव फैक्ट्रियों की स्थापना शामिल है। उनके पास मेगा परियोजनाओं के लिए टैरिफ संरचना और अंतरराष्ट्रीय निविदा में व्यापक अनुभव है, जिसने उन्हें अवसंरचना क्षेत्र में एक प्रतिष्ठा दिलाई है।
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