भारत की सिफारिश पर 21 मई को विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का उद्देश्य चाय उत्पादकों और चाय श्रमिकों की स्थिति को सुधारने का प्रयास करना है. संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर में चाय के गहरे सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा भूख और गरीबी से लड़ने में इसके महत्व को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization FAO) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस को मान्यता दी.
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अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास:
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अक्टूबर 2015 में चाय पर FAO अंतर सरकारी समूह (IGG) में भारत द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के आधार पर 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में नामित किया है. 2019 से पहले, 15 दिसंबर को चाय उत्पादक देशों जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया, केन्या, मलावी, मलेशिया, युगांडा, भारत और तंजानिया में अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाया जाता था.
क्या है चाय?
चाय कैमेलिया सिनेंसिस पौधे से बनने वाला एक पेय पदार्थ है. चाय, पानी के बाद दुनिया का सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पेय पदार्थ है. ऐसा माना जाता है कि चाय की उत्पत्ति उत्तरपूर्वी भारत, उत्तर म्यांमार और दक्षिण-पश्चिम चीन में हुई थी, लेकिन अभी तक इसके मूल स्थान के बारे में कोई भी विश्वनीय जानकारी नहीं है. इसके वाबजूद चाय का लंबे समय से सेवन किया जा रहा है. इस बात के भी कुछ प्रमाण मिलते हैं कि चीन में लगभग 5,000 साल पहले चाय पी जाती थी. चाय का सेवन एंटीऑक्सिडेंट और वजन घटाने के प्रभावों के लिए स्वास्थ्य लाभ और कल्याणकारी माना जाता है. कई समुदायों में इसका सांस्कृतिक महत्व भी है.
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