हर साल 22 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर International Stuttering Awareness Day अर्थात हकलाने के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन लाखों लोगों के बारे में सार्वजनिक रूप से जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, जो हकलाते है या जिन्हें बोलते समय हकलाने की समस्या होती है।
इस वर्ष का विषय है “Journey of Words – Resilience and Bouncing Back”.
इंटरनेशनल स्टटरिंग अवेयरनेस डे का इतिहास:
इंटरनेशनल स्टटरिंग अवेयरनेस डे, ISAD, की शुरुआत माइकल सुगरमैन, ओकलैंड, कैलिफोर्निया द्वारा (22 अक्टूबर) 1998 में की गई थी। ISAD एसएलपी और उपभोक्ताओं के बीच बढ़ते गठजोड़ को पहचानता है, जो एक-दूसरे से सीख रहे हैं और साझा करने, समर्थन देने, और एक दूसरे और आम जनता को शिक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं जो हकलाने वाले व्यक्तियों के जीवन पर प्रभाव डालता है। जूडी कस्टर द्वारा आयोजित ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस शुरुआत से ही अंतर्राष्ट्रीय हकलाने वाले जागरूकता दिवस का एक अभिन्न अंग रही है।
हकलाना (Stuttering) क्या है?
हकलाना एक वाक् विकार है या एक प्रकार की अनैच्छिक रुकावट है । जब लोग बोलते समय अटक जाए या किसी शब्द के उच्चारण में परेशानी आए या किसी शब्द को बार – बार बोलना या बोल नहीं पाना, इसे हकलाना कहते है। हकलाहट के कई कारण हो सकते है जैसे- बोलने के अंगों की मांसपेशियों को नियंत्रित करने में असमर्थता, बोलने के अंगों में बाधा पहुंचना, बचपन से अविकसित मस्तिष्क, सिर में चोट ,डर या शॉक व अनुवांशिक कारण भी हकलाने की समस्या हो सकती है।
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