एशिया 2025 तक विश्व की आधी बिजली का उपयोग करेगा, जबकि अफ्रीका वैश्विक आबादी की अपनी हिस्सेदारी से काफी कम (बिजली की) खपत करना जारी रखेगा। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने जारी एक नये अनुमान में यह दावा किया है। भारत में 5.3 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रही बिजली की मांग 2022 में 8.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसकी वजह कोविड महामारी के बाद देश की मजबूत रिकवरी रही।अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने अपनी नई रिपोर्ट में यह दावे किए हैं। एजेंसी ने अनुमान जताया है कि साल 2023 से 2025 के बीच भारत में बिजली की मांग 5.6 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ सकती है।
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