पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए दंड समाप्त करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024

पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए दण्ड से मुक्ति समाप्त करने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अवसर है जो पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को अपने कर्तव्य के दौरान सामना करने वाले खतरों और हिंसा पर प्रकाश डालता है। हर साल, 2 नवंबर को, यह दिन लोकतंत्र को बनाए रखने में स्वतंत्र प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका और सच्चाई को उजागर करने वालों की सुरक्षा की अनिवार्यता की मार्मिक याद दिलाता है।

मानवाधिकार और लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के साथ समाज के विकास के लिए स्वच्छ और सुंदर पत्रकारित आवश्यक है। बेहतर पत्रकारित के लिए जरूरी है पत्रकारों की सुरक्षा। भारत ही नहीं दुनिया भर में पत्रकारिता एक खतरनाक और घातक पेशा बन चुकी हैं। कई मीडिया कर्मी युद्ध, प्राकृतिक आपदा या अन्य खतरे वाले इलाके में रिपोर्टिंग के दौरान जान गंवाते हैं। वहीं रिपोर्ट छपने के बाद कई मीडिया कर्मियों की हत्या कर दी जाती है. हत्या के ज्यादातर मामलों में उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है।

पत्रकारों की हत्या अनसुलझी न रहे और अपराध करने वालों को हर हाल में सजा मिले। इसी को लेकर हर साल 2014 से ‘पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए दण्ड से मुक्ति समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस साल इस दिवस का फोकस ‘पत्रकारों के खिलाफ हिंसा, चुनाव की अखंडता और सार्वजनिक नेतृत्व की भूमिका’ पर फोकस है।

न्याय और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महासभा संकल्प ए/आरईएस/68/163 में 2 नवंबर को ‘पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए दण्ड से मुक्ति समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में घोषित किया। प्रस्ताव में सदस्य राज्यों से दंडमुक्ति की वर्तमान संस्कृति का मुकाबला करने के लिए निश्चित उपाय लागू करने का आग्रह किया गया। यह तारीख 2 नवंबर 2013 को माली में दो फ्रांसीसी पत्रकारों की हत्या की याद में चुनी गई थी।

यह ऐतिहासिक प्रस्ताव पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के खिलाफ सभी हमलों और हिंसा की निंदा करता है। यह सदस्य देशों से पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के खिलाफ हिंसा को रोकने, जवाबदेही सुनिश्चित करने, पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के खिलाफ अपराध के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने और पीड़ितों को उचित उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करने का भी आग्रह करता है। इसमें राज्यों से पत्रकारों के लिए स्वतंत्र रूप से और अनुचित हस्तक्षेप के बिना अपना काम करने के लिए एक सुरक्षित और सक्षम वातावरण को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया है।

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की IMF में सेवाएं समय से पहले खत्म, भारत सरकार ने वापस बुलाया

एक अप्रत्याशित राजनयिक घटनाक्रम के तहत भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में नियुक्त…

4 hours ago

प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025 के लिए टॉप 10 सर्वश्रेष्ठ और सबसे खराब देश

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) द्वारा प्रकाशित 2025 का वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स मीडिया पर वैश्विक…

5 hours ago

विश्व पुर्तगाली भाषा दिवस: तिथि, इतिहास, महत्व

विश्व भर के देशों ने 5 मई 2025 को ‘विश्व पुर्तगाली भाषा दिवस’ (World Portuguese…

9 hours ago

DRDO ने स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म की पहली उड़ान सफलतापूर्वक संचालित की

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 3 मई 2025 को मध्य प्रदेश के श्योपुर…

9 hours ago

भारत ने विकसित की विश्व की पहली दो जीनोम-संपादित चावल की किस्में

एक क्रांतिकारी विकास में, भारत दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने जीनोम-संपादित (Genome-Edited)…

9 hours ago

ITBP ने फतह की दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 12-सदस्यीय टीम ने विश्व की पाँचवीं सबसे ऊँची पर्वत चोटी…

10 hours ago