20 मार्च को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) के रूप में मनाया जाता है। इस उत्सव के पीछे का विचार जीवन के प्रमुख घटकों के रूप में प्रसन्नता और भलाई के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र की एक पहल के रूप में मनाया जाता है।
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वर्ष 2023 के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness day) की थीम ‘बी माइंडफुल, बी ग्रेटफुल, बी काइंड’ है। अपने दैनिक जीवन में ध्यान, कृतज्ञता और दया को शामिल करके, आप एक अधिक सकारात्मक और पूर्ण मानसिकता विकसित कर सकते हैं और अपने ओवरऑल विकास में सुधार कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस हर साल मनाए जाने का मुख्य कारण लोगों को इस तथ्य के बारे में समझना है कि विश्व में कितने ऐसे लोग है जो खुशियों की कमी के साथ अपना जीवन जी रहे हैं। बढ़ता तनाव उन्हें अपने कार्य तक रहने के लिए सीमित कर रहा है और वह अपने पसंद के कार्य, जिन्हें करने से उन्हें खुशी मिलती है, नहीं कर पा रहे हैं यै उसके लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है। लोगों को समझने की आवश्यकता है कि एक अच्छे जीवन के लिए जितना आवश्यक काम करना है उतना ही आवश्यक मानसिक संतुलन भी है जिसके लिए उन्हें ऐसे कार्य करने की आवश्यकता है जो उन्हें शांति और खुशी दें। इस दिवस के माध्यम से लोगों को उनकी भलाई और सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nation General Assembly) द्वारा 2011 में यह संकल्प लिया गया था कि हैप्पीनेश मानव का मूलभूत अधिकार होना चाहिए और हर देश का आर्थिक विकास मानव की प्रसन्नता और उनके लाइफस्टाइल (lifestyle) को बेहतर बनाने पर आधारित होना चाहिए। ऐसे में साल 2012 में इसी संकल्प के साथ इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाने की घोषणा की गई थी और साल 2013 में पहली बार इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाया गया था।
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