हर साल 19 जून को, वैश्विक समुदाय संघर्ष में यौन हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जो युद्ध के हथियार के रूप में यौन हिंसा के भयानक उपयोग की एक गंभीर याद दिलाता है। 2025 में, यह दिन अपनी 11वीं वर्षगांठ मनाएगा और इसका विषय होगा: “चक्र को तोड़ना, घावों को भरना: संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा के अंतर-पीढ़ीगत प्रभावों को संबोधित करना।” यह दिन पीड़ितों को मान्यता देने, न्याय को बढ़ावा देने और इस तरह के अत्याचारों को दोबारा होने से रोकने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आग्रह करता है।
क्यों है यह ख़बर में?
19 जून 2025 को संघर्षजन्य यौन हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस की 11वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस वर्ष का विषय उस लंबे समय तक चलने वाले मानसिक और सामाजिक प्रभाव को रेखांकित करता है जो युद्धों में हुई यौन हिंसा की वजह से आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचते हैं।
इस दिन का उद्देश्य है:
-
पीड़ितों की पीड़ा को मान्यता देना
-
न्याय और पुनर्वास की वकालत करना
-
ऐसी अमानवीय घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकना
इतिहास और पृष्ठभूमि
-
स्थापना: संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा
-
प्रथम पालन: 19 जून 2015
-
महत्वपूर्ण तिथि क्यों:
-
19 जून 2008 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1820 को अपनाया गया था।
-
इसने युद्ध के हथियार के रूप में यौन हिंसा को मान्यता दी।
-
ऐसे कृत्यों को युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध, और नरसंहार की श्रेणी में रखा गया।
-
अपराधियों की जवाबदेही और सज़ा की मांग की गई।
-
2025 का विषय
“चक्र को तोड़ना, घावों को भरना: संघर्षजन्य यौन हिंसा के पीढ़ीगत प्रभावों को संबोधित करना”
-
युद्धकालीन बलात्कार से जन्मे बच्चों पर दीर्घकालिक प्रभाव
-
सामाजिक पुनर्वास, न्याय और उपचार पर ज़ोर
-
पीड़ितों की कहानियों के माध्यम से सशक्तिकरण और समुदाय का समर्थन
-
वैश्विक अभियान: #EndRapeInWar
संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा अनुसार संघर्षजन्य यौन हिंसा में शामिल हैं
-
बलात्कार
-
यौन दासता
-
जबरन वेश्यावृत्ति, गर्भपात या नसबंदी
-
जबरन विवाह या गर्भधारण
-
यौन शोषण हेतु मानव तस्करी
-
कोई अन्य गंभीर यौन हिंसा जो सीधे या परोक्ष रूप से युद्ध से जुड़ी हो
दिवस के मुख्य उद्देश्य
-
युद्ध क्षेत्रों में यौन हिंसा पर वैश्विक जागरूकता बढ़ाना
-
पीड़ितों के साहस और सहनशीलता को सम्मान देना
-
न्याय व कानूनी सहायता की वकालत करना
-
मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन सेवाओं को बढ़ावा देना
-
सरकारों और संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन हेतु प्रेरित करना
आज की प्रासंगिकता
-
युद्धों में यौन हिंसा एक रणनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग की जाती है।
-
हर दर्ज मामले के पीछे 10–20 मामले बिना दर्ज होते हैं।
-
पीड़ितों को अक्सर कलंक, सामाजिक बहिष्कार और न्याय की कमी का सामना करना पड़ता है।
-
शांति मिशनों में अब लैंगिक-आधारित सुरक्षा एक महत्वपूर्ण घटक बन चुकी है, परंतु चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का संदेश (2025)
“बहुत सी महिलाओं और बच्चों के लिए युद्ध समाप्त नहीं होता जब बंदूकें शांत हो जाती हैं। इसके प्रभाव युद्धभूमि के परे और समय के पार गूंजते रहते हैं।”
— एंटोनियो गुटेरेस, 19 जून 2025
वैश्विक भागीदारी और अभियान
दिवस को मनाने के लिए UN एजेंसियाँ, सरकारें, नागरिक समाज और पीड़ितों द्वारा संचालित संगठन करते हैं:
-
जागरूकता अभियान
-
डॉक्यूमेंट्री और कहानी-प्रवचन
-
कानूनी सहायता शिविर
-
सोशल मीडिया पर #EndRapeInWar
-
मुआवज़े और नीतिगत सुधारों के लिए जनहित याचिकाएँ