International Day for the Abolition of Slavery: संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1986 से दुनिया भर में दास प्रथा को ख़त्म करने के लिए हर साल 2 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य गुलामी के सभी रूपों, जैसे मानव तस्करी, यौन शोषण, सबसे बुरे रूप बाल श्रम, जबरन शादी और सशस्त्र संघर्ष के दौरान बच्चों की सेना में जबरन भर्ती से सम्बंधित मुद्दों के उन्मूलन के लिए सार्थक प्रयासों पर ध्यान केन्द्रित करना है।
WARRIOR 4.0 | Banking Awareness Batch for SBI, RRB, RBI and IBPS Exams | Bilingual | Live Class
अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा अथवा गुलामी के उन्मूलन दिवस का इतिहास:
संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 दिसंबर 1949 को एक संकल्प पारित हुआ, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस को अडॉप्ट किया गया. इसमें मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी रोकना और वेश्यावृति को रोकना था. दोनों को दासता का प्रतीक मानते हुए रेजोल्यूशन 317 (IV) पारित किया गया.
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
भारत ने अपनी पहली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) डेटा बैंक की शुरुआत की है, जो नवाचार…
20 नवंबर 2024 को, केंद्र सरकार ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से एक…
सी.आर. पाटिल, माननीय जल शक्ति मंत्री ने इंडिया वॉटर वीक 2024 के समापन समारोह के…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोविड-19 महामारी के दौरान उनके महत्वपूर्ण योगदान और भारत व कैरेबियाई…
19 नवंबर 2024 को भारत सरकार की सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) और H2Global Stiftung…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नाइजीरिया यात्रा के दौरान नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टिनूबू को…