संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1986 से 2 दिसंबर को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस (International Day for the Abolition of Slavery) मनाया जाता है। इस दिन का फोकस गुलामी के समकालीन रूपों, जैसे व्यक्तियों की तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम के सबसे खराब रूप, जबरन विवाह और सशस्त्र संघर्ष में बच्चों की जबरन भर्ती के उन्मूलन पर है।
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दिन का इतिहास:
संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 दिसंबर 1949 को रेजोल्यूशन 317 (IV) पारित हुआ, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय दास प्रथा उन्मूलन दिवस को अडॉप्ट किया गया, इसमें मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी रोकना और दूसरों के वेश्यावृत्ति के शोषण को रोकना था ।
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