Categories: Uncategorized

Internal Ombudsman Scheme 2018 Introduced For Scheduled Commercial Banks | in Hindi

प्रिय उम्मीदवारों,

आंतरिक लोकपाल योजना 2018

भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2015 में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा चुनिंदा निजी और विदेशी बैंकों को सूचित किया था कि वे बैंक द्वारा आंशिक रूप से या पूरी तरह से अस्वीकार की गई शिकायतों की समीक्षा करने के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकारी के रूप में आंतरिक लोकपाल (IO) की नियुक्ति करें। आईओ तंत्र की स्थापना इसलिए की गई कि बैंकों की आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहकों की शिकायतों को बैंक स्तर पर ही बैंक के शिकायत निवारण तंत्र के उच्चतम स्तर पर स्थापित किए गए प्राधिकरण द्वारा निपटाया जा सके ताकि निवारण हेतु ग्राहकों के लिए अन्य मंचों तक पहुंचने की आवश्यकता कम हो सके।
इस ग्राहक केंद्रिक दृष्टिकोण के भाग के रूप में, आईओ तंत्र के कार्यसंचालन पर निगरानी प्रणाली को मजबूत करने के साथ-साथ आईओ की स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस व्यवस्था की समीक्षा की तथा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क के अंतर्गत ‘आंतरिक लोकपाल योजना, 2018’ के रूप में संशोधित निदेश जारी किए। यह योजना अन्य बातों के साथ-साथ आईओ की नियुक्ति/कार्यकाल, भूमिका तथा उत्तरदायित्व, प्रक्रियात्मक दिशानिर्देश तथा निगरानी तंत्र को कवर करती है।
भारत में दस से अधिक बैंकिंग आउटलेट रखने वाले सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) से अपेक्षित है कि वे अपने बैंकों में आंतरिक लोकपाल (आईओ) नियुक्त करें। आईओ अन्य बातों के साथ-साथ ग्राहकों की उन शिकायतों की जांच करेगा जो बैंक की ओर से सेवा में कमी के स्वरूप में हैं, (जिसमें बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006 के खण्ड 8 में सूचीबद्ध शिकायतों के आधार पर की गई शिकायतें शामिल है) जिन्हें बैंक द्वारा आंशिक रूप से या पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया गया है। चूंकि शिकायतकर्ता को अंतिम निर्णय सूचित करने से पहले बैंक आंतरिक रूप से सभी शिकायतों को पूरी तरह से निवारण के लिए आगे संबंधित आईओ को बढ़ाएंगे, उन शिकायतों के बारे में बैंकों के ग्राहकों को सीधे आईओ के पास संपर्क करने की जरूरत नहीं है। आंतरिक लोकपाल योजना, 2018 के कार्यान्वयन की निगरानी भारतीय रिज़र्व बैंक की विनियामकीय निगरानी (ओवरसाइट) के अलावा बैंक के आंतरिक लेखापरीक्षा तंत्र द्वारा भी की जाएगी।
बैंकिंग लोकपाल योजना क्या है?

बैंकिंग लोकपाल योजना बैंकों के ग्राहकों को एक शीघ्र शिकायत निवारण व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध कराने के लिए है . यह बैंकिंग सेवाओं से संबंधित शिकायतों तथा इस योजना में यथा निदिष्‍ट अन्‍य मामलों के समाधान हेतु एक सांस्थिक और विधिक ढांचा उपलब्‍ध कराती है. यह योजना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1949 की धारा 35क के अनुसार रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशक के माध्‍यम से लागू की गई है. वर्तमान में बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 (1 जुलाई, 2017 तक संशोधित) प्रचालन में है
बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006 के अंतर्गत कौन से बैंक शामिल हैं?
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक इस योजना के अंतर्गत आते हैं.

21 बैंकिंग लोकपाल केंद्रs:
वर्तमान में, देश में 21 बैंकिंग लोकपाल केंद्र संचालित हैं. यह 21 केंद्र विभिन्न शहरों में स्थित हैं जैसे कि अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, कानपुर, कोलकाता, मुंबई (I), मुंबई (II), नई दिल्ली (I), नई दिल्ली (II), पटना, तिरुवनंतपुरम, देहरादून, रांची, रायपुर, और जम्मू.
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
admin

Recent Posts

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एच.एस. बेदी का निधन

पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश और बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति हरजीत सिंह…

15 hours ago

अर्मेनिया अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का 104वां पूर्ण सदस्य बना

अर्मेनिया ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में 104वें पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होकर…

16 hours ago

काल भैरव जयंती 2024, तिथि, समय, इतिहास और महत्व

काल भैरव जयंती भगवान शिव के उग्र और रक्षक स्वरूप काल भैरव को समर्पित एक…

16 hours ago

करीमगंज जिले का नाम बदला, अब श्रीभूमि होगा नया नाम

असम सरकार ने करीमगंज जिले का आधिकारिक नाम बदलकर श्रीभूमि जिला और करीमगंज नगर का…

16 hours ago

भारत ने 130 वर्षों में पहली बार वैश्विक सहकारी सम्मेलन की मेजबानी की

भारत 25 से 30 नवंबर, 2024 के बीच नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA)…

16 hours ago

बीमा सुगम: डिजिटल बीमा पारिस्थितिकी तंत्र की ओर एक कदम

बीमा उत्पादों के गलत और जबरन विक्रय (mis-selling and force-selling) के बढ़ते मामलों को देखते…

17 hours ago