प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर में देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (Aircraft Career INS Vikrant) को नौसेना के हवाले करेंगे। नौसेना में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के शामिल होने से देश की समुद्री क्षमता मजबूत होगी। नौसेना ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 2 सितंबर को INS Vikrant सेना में शामिल हो जाएगा।
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यह पोत देश की समग्र समुद्री क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। वाइस एडमिरल घोरमडे ने कहा कि आईएनएस ‘विक्रांत’ को नौसेना में शामिल किया जाना ऐतिहासिक मौका होगा और यह ‘राष्ट्रीय एकता’ का प्रतीक भी होगा, क्योंकि इसके कल-पुरज़े कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए हैं। करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस विमानवाहक पोत ने पिछले महीने समुद्री परीक्षणों के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया था।
भारत के अब तक के सबसे बड़े स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत में करीब 2,500 किलोमीटर का केबल लगाया गया है। INS विक्रांत की लंबाई 262 मीटर, चौड़ाई 62 मीटर और ऊंचाई 59 मीटर है। इस युद्धपोत की स्पीड 28 नॉट की है और 7,500 समुद्री मील तक सफर की भी क्षमता है। विमानवाहक पोत में आठ पॉवर जनरेटर हैं जो पूरे कोच्चि शहर को रोशन करने की क्षमता रखते हैं। इस युद्धपोत में 2,300 कंपार्टमेंट बनाए गए हैं, जिनमें 1,700 कर्मचारी बैठ सकते हैं।
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