भारत ने 1 जुलाई, 2025 को रूस के कलिनिनग्राद में यंतर शिपयार्ड में INS तमाल (F71) को शामिल करके नौसेना में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। यह स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट भारतीय नौसेना के लिए विदेश में निर्मित अंतिम प्रमुख युद्धपोत है, जो आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के तहत रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयासों के अनुरूप है। INS तमाल अब भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े में शामिल हो जाएगा, जो ब्लू-वाटर ऑपरेशनल क्षमता को मजबूत करेगा और स्वदेशीकरण के एक नए युग का प्रदर्शन करेगा।
समाचार में क्यों?
भारत ने INS तमाल (F71) को आधिकारिक रूप से 1 जुलाई 2025 को रूस के यान्तर शिपयार्ड, कलिनिनग्राद में कमीशन किया। यह भारतीय नौसेना के लिए विदेश में निर्मित अंतिम प्रमुख युद्धपोत है, जो आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह युद्धपोत अब भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा बनेगा और समुद्री संचालन की क्षमता को सशक्त करेगा।
मुख्य विशेषताएँ
पैरामीटर | विवरण |
---|---|
युद्धपोत का नाम | आईएनएस तमाल (INS Tamal – F71) |
परियोजना | 1135.6 / तलवार क्लास |
कमीशन तिथि | 1 जुलाई 2025 |
स्थान | यान्तर शिपयार्ड, कलिनिनग्राद, रूस |
कमांडिंग अधिकारी | कैप्टन श्रीधर टाटा |
समुद्री बेड़ा | भारतीय नौसेना का पश्चिमी बेड़ा |
देशी सामग्री | 26% (ब्रह्मोस मिसाइल, HUMSA-NG सोनार सहित) |
-
स्टील्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट
-
चार-आयामी युद्ध क्षमता – वायु, सतह, पनडुब्बी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध
-
हथियार प्रणाली में शामिल:
-
दोहरी भूमिका वाले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल
-
वर्टिकल लॉन्च सतह-से-हवा मिसाइलें (VL-SAM)
-
100 मिमी का मुख्य तोप
-
30 मिमी की CIWS (क्लोज-इन वेपन सिस्टम)
-
एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर
-
भारी टॉरपीडो
-
भारत-रूस रक्षा साझेदारी
-
पिछले 65 वर्षों में 51 जहाज़ों का निर्माण
-
INS तमाल, परियोजना 1135.6 की आठवीं कड़ी और Tushil क्लास की दूसरी
-
उप-नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल आर. स्वामिनाथन ने द्विपक्षीय विश्वास और सहयोग को रेखांकित किया
तकनीकी व रणनीतिक महत्व
-
उन्नत NBC रक्षा प्रणाली (न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल, केमिकल)
-
स्वचालित डैमेज कंट्रोल और अग्निशमन प्रणाली
-
देश में निर्मित कई प्रणाली – आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम
-
यह युद्धपोत भारत के लिए आयात-आधारित निर्माण से घरेलू निर्माण की ओर परिवर्तन का प्रतीक है
भविष्य की तैनाती
INS तमाल का होमपोर्ट होगा करवार, कर्नाटक, जहाँ से यह भारत की समुद्री सुरक्षा में योगदान देगा।