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INS Imphal ने भारत-मॉरीशस संबंधों को मजबूत किया

भारत अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को मज़बूत करने के लिए मॉरीशस के साथ व्हाइट शिपिंग समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहा है। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान संपन्न होने की उम्मीद है। इसके तहत भारतीय और मॉरीशस की नौसेनाओं व तटरक्षक बलों के बीच वाणिज्यिक जहाजों की जानकारी साझा की जाएगी, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी क्षमता बढ़ेगी। यह कदम बढ़ती चीनी गतिविधियों और बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

समुद्री सुरक्षा समझौता

  • भारत और मॉरीशस व्हाइट शिपिंग समझौते पर काम कर रहे हैं, जिससे वाणिज्यिक जहाजों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी
  • यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री निगरानी क्षमताओं को मज़बूत करेगा
  • समझौता दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ाएगा

 INS इम्फाल की मॉरीशस यात्रा

  • भारतीय युद्धपोत INS इम्फाल 10 मार्च 2025 को पहली बार मॉरीशस के बंदरगाह पर पहुंचा
  • यह 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे
  • INS इम्फाल मॉरीशस तटरक्षक बल (MCGS) के साथ संयुक्त गश्त और सैन्य अभ्यास करेगा

भारत-मॉरीशस संबंधों का रणनीतिक महत्व

  • यह समझौता भारत की ‘SAGAR’ (Security and Growth for All in the Region) नीति के तहत आता है, जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था
  • भारत ने हमेशा मॉरीशस के चागोस द्वीपसमूह पर संप्रभुता के दावे का समर्थन किया है, जो अभी भी ब्रिटेन के नियंत्रण में है
  • भारत ने मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर हवाई पट्टियों और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास में सहायता की है
  • चीन की हिंद महासागर में बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए, भारत मॉरीशस के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना चाहता है

भू-राजनीतिक संदर्भ – चागोस द्वीप विवाद

  • मॉरीशस को 1968 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली, लेकिन ब्रिटेन ने चागोस द्वीपसमूह पर नियंत्रण बनाए रखा
  • चागोस के सबसे बड़े द्वीप डिएगो गार्सिया पर 1966 से अमेरिकी सैन्य अड्डा स्थित है
  • 2021 में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया कि ब्रिटेन को चागोस द्वीप मॉरीशस को लौटाने चाहिए, लेकिन ब्रिटेन डिएगो गार्सिया को अपने नियंत्रण में बनाए रखना चाहता है
  • भारत, जिसे पहले डिएगो गार्सिया पर अमेरिकी सैन्य अड्डे की स्थापना की जानकारी नहीं थी, अब इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा भूमिका को और मज़बूत करना चाहता है

निष्कर्ष

भारत और मॉरीशस के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। व्हाइट शिपिंग समझौता, INS इम्फाल की भागीदारी, और चागोस द्वीपसमूह पर भारत का समर्थन, इन सभी पहलुओं से भारत की समुद्री रणनीति को एक नई दिशा मिलेगी

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