विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने शुद्ध शून्य उत्सर्जन को हासिल करने, प्रकृति को नुकसान से बचाने और 2050 तक जैव विविधता की बहाली करने की दिशा में हर साल 3,000 डॉलर की जरूरत को पूरा करने के लिए ‘गिविंग टू एम्प्लिफाई अर्थ एक्शन (जीएईए)’ के रूप में एक नई पहल शुरू की है। नए और मौजूदा सार्वजनिक, निजी और परमार्थ की भागीदारी (पीपीपीपी) की वैश्विक मुहिम को एचसीएल टेक्नोलॉजीज सहित 45 से ज्यादा भागीदारों ने समर्थन दिया है।
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मंच ने कहा कि ऊर्जा और रहन-सहन की लागत के संकट के बीच धरती पर तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रोकने की महत्वाकांक्षा अधर में है। इस बीच, संपूर्ण पृथ्वी और समुद्र के 30 प्रतिशत को संरक्षित करने के मॉन्ट्रिएल में संयुक्त राष्ट्र जैव-विविधता सम्मेलन (सीबीडी सीओपी15) में हालिया समझौता साहसिक लगता है, लेकिन बढ़ते जैव-विविधता संकट में यह कमजोर नजर आता है। मंच ने कहा कि अभी इसके लिए कोष की रफ्तार सुस्त है और यह पर्याप्त नहीं है। परमार्थ कार्य में लगे लोग इसका समाधान कर सकते हैं।
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जिनेवा, स्विट्जरलैंड
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