दक्षिण अफ्रीकी जी20 अध्यक्षता द्वारा जारी एक ऐतिहासिक “असमानता रिपोर्ट” (G20 Inequality Report) ने खुलासा किया है कि भारत में शीर्ष 1% अमीर वर्ग की राष्ट्रीय संपत्ति में हिस्सेदारी 2000 से 2023 के बीच 62% तक बढ़ गई। यह वृद्धि भारत को उन देशों में शामिल करती है जहाँ धन की सर्वाधिक केंद्रितता (Wealth Concentration) दर्ज की गई है — जो वैश्विक स्तर पर बढ़ती आर्थिक असमानता की चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाती है।
रिपोर्ट का निष्कर्ष यह है कि चरम असमानता “अनिवार्य नहीं”, बल्कि नीति-निर्णयों का परिणाम है, और इसे दूर करने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है।
भारत के शीर्ष 1% लोगों की संपत्ति-हिस्सेदारी में 62% की वृद्धि, जो बाकी जनसंख्या की तुलना में कहीं अधिक तेज़ है।
शीर्ष 1% अब देश की कुल संपत्ति का लगभग 27% नियंत्रित करते हैं — जो निचले 50% से लगभग 7 गुना अधिक है।
तुलना में, चीन के शीर्ष 1% ने अपनी संपत्ति हिस्सेदारी में 54% की वृद्धि की, जो अब 30.2% पर पहुँच गई है।
G20 के आधे से अधिक देशों में इसी तरह की बढ़ती असमानता दर्ज की गई।
रिपोर्ट चेतावनी देती है कि यह बढ़ती खाई आर्थिक स्थिरता और समावेशी विकास (Inclusive Growth) दोनों के लिए खतरा है — खासकर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में।
भारत में बढ़ती आर्थिक विषमता निम्न कारकों से पहचानी जाती है —
निचले 50% लोगों की आय में ठहराव, जबकि अमीर तबका लगातार संपत्ति बढ़ा रहा है।
पूंजी और परिसंपत्तियों (Assets) में तेज़ वृद्धि, जिससे केवल अमीर वर्ग को लाभ मिल रहा है।
शहरी-ग्रामीण असमानता और वंशानुगत संपत्ति हस्तांतरण से सीमित वर्ग के हाथों में संसाधनों का संकेंद्रण।
कर-प्रणाली में कमजोर प्रगतिशीलता और संपत्ति पुनर्वितरण (Wealth Redistribution) के सीमित उपाय।
यह प्रवृत्ति भारत के गरीबी उन्मूलन, सामाजिक गतिशीलता और आर्थिक न्याय जैसे लक्ष्यों के लिए गंभीर चुनौती मानी जा रही है।
रिपोर्ट ने चेताया है कि अगर यह रुझान जारी रहा तो सामाजिक विभाजन (Social Divisions) और लोकतांत्रिक अस्थिरता (Democratic Instability) बढ़ सकती है।
इसके समाधान हेतु प्रमुख प्रस्ताव दिए गए हैं —
इन सिफारिशों का उद्देश्य एक न्यायसंगत वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाना है, जो सभी के लिए सतत विकास सुनिश्चित करे।
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| रिपोर्ट जारीकर्ता | दक्षिण अफ्रीकी जी20 अध्यक्षता (2025) |
| भारत आँकड़ा | शीर्ष 1% की संपत्ति हिस्सेदारी में 62% वृद्धि (2000–2023) |
| चीन आँकड़ा | शीर्ष 1% की हिस्सेदारी में 54% वृद्धि (अब 30.2%) |
| वैश्विक औसत | शीर्ष 1% के पास 27% संपत्ति — निचले 50% से 7 गुना अधिक |
| मुख्य प्रस्ताव | अंतरराष्ट्रीय असमानता पैनल |
| प्रमुख नीति उपकरण | प्रगतिशील कर, सार्वभौमिक कल्याण योजनाएँ, वित्तीय विनियमन |
| निहितार्थ | लोकतंत्र, समान विकास और सामाजिक स्थिरता के लिए चुनौती |
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