संयुक्त राष्ट्र (UN) की हाल ही में जारी रिपोर्ट में भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित किया गया है, जिसमें भारत को निजी AI निवेश के मामले में वैश्विक स्तर पर 10वां स्थान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2023 में भारत ने लगभग ₹11,943 करोड़ (यूएस$ 1.4 बिलियन) का निजी निवेश आकर्षित किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत AI विकास में अग्रणी देशों में से एक बन गया है। चीन के साथ-साथ भारत एकमात्र ऐसे विकासशील देशों में शामिल है जिन्होंने AI में इतना महत्वपूर्ण निवेश हासिल किया है। यह उपलब्धि वैश्विक AI परिदृश्य में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है। साथ ही, भारत की प्रगति संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) द्वारा जारी ‘फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज़ की तैयारी’ सूचकांक में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, जिसमें भारत 2022 में 48वें स्थान से बढ़कर 2024 में 170 देशों में से 36वें स्थान पर पहुंच गया है। यह सुधार इस बात का संकेत है कि भारत भविष्य की तकनीकों में लगातार निवेश कर रहा है, जो वैश्विक उद्योगों को नया आकार दे सकती हैं।
मुख्य बिंदु
AI में निवेश और वैश्विक रैंकिंग
भारत ने वर्ष 2023 में ₹11,943 करोड़ (यूएस$ 1.4 बिलियन) का निजी निवेश प्राप्त कर वैश्विक स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में 10वां स्थान प्राप्त किया है। चीन के साथ भारत उन गिने-चुने विकासशील देशों में से एक है, जहाँ AI में इतना अधिक निवेश हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के निष्कर्ष
भारत ने UNCTAD के ‘फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज़ की तैयारी’ सूचकांक में अपनी रैंकिंग 2022 में 48वें स्थान से सुधारकर 2024 में 36वें स्थान पर पहुंचा दी है।
विशिष्ट रैंकिंग:
ICT तैनाती में: 99वां स्थान
कौशल (Skills): 113वां स्थान
अनुसंधान एवं विकास (R&D): 3रा स्थान
औद्योगिक क्षमता: 10वां स्थान
वित्तीय पहुंच: 70वां स्थान
वैश्विक AI निवेश में अग्रणी देश
संयुक्त राज्य अमेरिका: ₹5,71,577 करोड़ (यूएस$ 67 बिलियन) के साथ पहले स्थान पर
चीन: ₹66,541 करोड़ (यूएस$ 7.8 बिलियन) के साथ दूसरे स्थान पर
AI का आर्थिक प्रभाव
AI के वर्ष 2033 तक ₹4,09,48,800 करोड़ (यूएस$ 4.8 ट्रिलियन) का वैश्विक आर्थिक प्रभाव डालने की संभावना है, जो उद्योगों में व्यापक बदलाव ला सकता है।
चुनौतियाँ और चिंताएँ
रोज़गार पर प्रभाव: AI आधारित ऑटोमेशन से 40% वैश्विक नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है, जिससे बेरोज़गारी और असमानता की आशंका है।
कॉर्पोरेट नियंत्रण: 100 वैश्विक कंपनियाँ—मुख्यतः अमेरिका और चीन से—कुल कॉर्पोरेट AI R&D खर्च का 40% नियंत्रित करती हैं, जिससे तकनीक का केंद्रीकरण बढ़ रहा है।
भारत की ताकत और प्रमुख क्षेत्र
भारत के पास 1.3 करोड़ सॉफ्टवेयर डेवलपर्स हैं, जो अमेरिका के बाद GitHub गतिविधि में दूसरे स्थान पर हैं।
India AI मिशन और IIT AI अनुसंधान केंद्र नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी भारत उभरती तकनीकों में अग्रणी है।
वैश्विक प्रतियोगिता
भारत को विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा का सामना है:
पवन ऊर्जा में जर्मनी
इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) में जापान
5G वायरलेस नेटवर्क में दक्षिण कोरिया
भविष्य की दिशा
भारत को अपनी स्थिति बनाए रखने और मजबूत करने के लिए AI में अनुसंधान एवं विकास (R&D) और कार्यबल के कौशल विकास में सतत निवेश करना होगा।
पहलू | विवरण |
समाचार में क्यों? | वैश्विक AI निवेश और विकास में भारत की स्थिति |
भारत की AI निवेश रैंक | 2023 में ₹11,943 करोड़ (US$ 1.4 बिलियन) निजी निवेश के साथ वैश्विक स्तर पर 10वां स्थान |
वैश्विक सूचकांक में सुधार | UNCTAD ‘Readiness for Frontier Technologies’ इंडेक्स में भारत 2022 में 48वें से बढ़कर 2024 में 36वें स्थान पर पहुंचा |
AI निवेश में वैश्विक नेता | अमेरिका: ₹5,71,577 करोड़ (US$ 67 बिलियन); चीन: ₹66,541 करोड़ (US$ 7.8 बिलियन) |
AI का आर्थिक प्रभाव | वर्ष 2033 तक ₹4,09,48,800 करोड़ (US$ 4.8 ट्रिलियन) अनुमानित |
वैश्विक रोजगार संकट | AI आधारित ऑटोमेशन से 40% वैश्विक नौकरियों पर खतरा |
AI R&D में कॉर्पोरेट नियंत्रण | 100 वैश्विक कंपनियाँ कॉर्पोरेट AI अनुसंधान एवं विकास खर्च का 40% नियंत्रित करती हैं |
भारत की ताकत | 1.3 करोड़ सॉफ्टवेयर डेवलपर्स (US के बाद दूसरा स्थान); नैनोटेक्नोलॉजी में उत्कृष्टता |
प्रतिस्पर्धी देश | जर्मनी (पवन ऊर्जा), जापान (इलेक्ट्रिक वाहन), दक्षिण कोरिया (5G नेटवर्क) |
भविष्य की प्राथमिकताएँ | AI में अनुसंधान, नवाचार, और कार्यबल कौशल विकास पर निवेश की आवश्यकता |
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