भारत के परमाणु कार्यक्रम के वास्तुकार राजगोपाल चिदंबरम का निधन

डॉ. राजगोपाल चिदंबरम, परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख हस्ती, 4 जनवरी 2025 को मुंबई के जसलोक अस्पताल में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गए। उनके योगदान ने भारत के परमाणु कार्यक्रम और वैज्ञानिक उन्नति में गहरी छाप छोड़ी, जो देश के प्रौद्योगिकीय और रणनीतिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहे। डॉ. चिदंबरम ने भारत के परमाणु यात्रा में अहम भूमिका निभाई, 1974 में पहले शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षण से लेकर 1998 में ऑपरेशन शक्ति का नेतृत्व किया, जिसने भारत को परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया।

परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के अलावा, वे संकुचित पदार्थ भौतिकी, सामग्री विज्ञान, ऊर्जा सुरक्षा, और उच्च तकनीकों जैसे सुपरकंप्यूटिंग और नैनोप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी दूरदर्शी नेता रहे। 2002 से 2018 तक भारतीय सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के रूप में उनके कार्यकाल ने भारत के वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य को आकार देने में उनके नेतृत्व को और मजबूत किया।

मुख्य योगदान और उपलब्धियाँ:

  • भारत के परमाणु कार्यक्रम में भूमिका:
    • 1974 का ‘स्माइलींग बुद्धा’ परीक्षण: डॉ. चिदंबरम उस टीम का हिस्सा थे जिसने 1974 में पोखरण में भारत का पहला परमाणु परीक्षण किया, जिससे भारत परमाणु परीक्षण करने वाला छठा देश बन गया।
    • 1998 ऑपरेशन शक्ति: डॉ. चिदंबरम ने परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष के रूप में पोखरण में 1998 में सफल परमाणु परीक्षणों का नेतृत्व किया, जिसने भारत को एक परमाणु सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित किया।
  • वैज्ञानिक नेतृत्व:
    • वे भारतीय सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के रूप में सबसे लंबे समय तक कार्यरत रहे।
    • उनके कार्यकाल में ऊर्जा सुरक्षा, सामग्री विज्ञान, और तकनीकी अनुप्रयोगों, जैसे सुपरकंप्यूटिंग और नैनोप्रौद्योगिकी में प्रगति को बढ़ावा मिला।
    • उन्होंने बुनियादी अनुसंधान और तकनीकी अनुप्रयोगों के संयोजन की अवधारणा को बढ़ावा दिया, जिसने शैक्षणिक विज्ञान और व्यावहारिक तकनीकी नवाचारों के बीच की खाई को पाटा।
  • रूटीएजी और अन्य पहलें:
    • डॉ. चिदंबरम ने ग्रामीण समुदायों में प्रौद्योगिकियों को लाने के लिए रूटीएजी परियोजना शुरू की, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका में सुधार हुआ।
    • उन्होंने भारतीय साइबर सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए “सोसायटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शंस एंड सिक्योरिटी (SETS)” की स्थापना की।
    • राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) की स्थापना में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जो देशभर के शैक्षणिक और शोध संस्थानों को जोड़ता है।

सम्मान और पहचान: डॉ. चिदंबरम को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए पद्म श्री (1975) और पद्म भूषण (1999) जैसे प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए।

भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनका धरोहर: डॉ. चिदंबरम की धरोहर एक दूरदर्शी नेता के रूप में रही, जिन्होंने भारत की परमाणु, तकनीकी और वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे को आकार दिया। उनके योगदानों को दशकों तक याद किया जाएगा।

व्यक्तिगत विशेषताएँ: डॉ. चिदंबरम को उनकी बौद्धिक गहराई और शानदार हास्यबोध के लिए जाना जाता था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उन्हें महान शिक्षाविद और बेहतरीन व्यक्ति के रूप में याद किया।

मुख्य बिंदु विवरण
समाचार में क्यों? भारत के परमाणु दृष्टा: डॉ. राजगोपाल चिदंबरम का 88 वर्ष की आयु में निधन
प्रमुख पद पूर्व अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग
भारतीय सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (2002-2018)
महत्वपूर्ण योगदान – भारत का पहला परमाणु परीक्षण (1974) ‘स्माइलींग बुद्धा’ का नेतृत्व किया
– ऑपरेशन शक्ति (1998) का नेतृत्व किया, भारत के परमाणु परीक्षण
– निर्देशित बुनियादी अनुसंधान, ऊर्जा सुरक्षा, सामग्री विज्ञान को बढ़ावा दिया
– RuTAG, SETS, NKN की शुरुआत की
पुरस्कार और सम्मान पद्म श्री (1975), पद्म भूषण (1999)
धरोहर भारतीय परमाणु, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विकास में दूरदर्शी
व्यक्तिगत गुण बौद्धिक, हास्यबद्ध, और गहरे ज्ञानी
भारतीय विज्ञान पर प्रभाव भारत में परमाणु ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के परिप्रेक्ष्य को आकार दिया
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

2 hours ago

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी 2026 तक गुरुग्राम में अपना पहला भारतीय कैंपस खोलेगी

भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…

4 hours ago

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

4 hours ago

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

5 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

6 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

7 hours ago