वैश्विक रैंकिंग में भारत के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में बड़ी उछाल

भारत ने विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) 2023 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट श्रेणी में 22वां स्थान प्राप्त किया है और कुल मिलाकर 139 देशों में से 38वें स्थान पर पहुंच गया है। यह सुधार देश द्वारा लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाने, लागत कम करने और उन्नत तकनीकों को अपनाने के प्रयासों को दर्शाता है।

भारत की LPI रैंकिंग में सुधार के कारण

भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में हुई प्रगति विभिन्न कारकों का परिणाम है, जिनमें नीतिगत सुधार, तकनीकी पहल और बुनियादी ढांचे में सुधार प्रमुख हैं। सरकार ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुव्यवस्थित किया, देरी को कम किया और माल परिवहन की दक्षता को बढ़ाया, जिससे वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा में सुधार हुआ।

  • अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट रैंकिंग में सुधार: 2018 में भारत इस श्रेणी में 44वें स्थान पर था, जबकि 2023 में यह 22वें स्थान पर पहुंच गया। यह वैश्विक व्यापार को सुगम बनाने के लिए सरकारी नीतियों की सफलता को दर्शाता है।
  • बंदरगाहों पर टर्नअराउंड समय: भारतीय बंदरगाहों ने औसत टर्नअराउंड समय को घटाकर 0.9 दिन कर दिया है, जो अमेरिका (1.5 दिन), ऑस्ट्रेलिया (1.7 दिन) और जर्मनी (1.3 दिन) जैसे प्रमुख देशों से बेहतर प्रदर्शन है। यह बंदरगाह आधुनिकीकरण और स्वचालन के कारण संभव हुआ है।

लॉजिस्टिक्स विकास को बढ़ावा देने में सरकारी नीतियों की भूमिका

सरकार ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने और कमियों को दूर करने के लिए कई प्रमुख नीतिगत पहल शुरू की हैं:

  • पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान: अक्टूबर 2021 में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य विभिन्न परिवहन नेटवर्क को एकीकृत करना और माल परिवहन में सुधार करना है। इसका लक्ष्य 2024-25 तक लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
  • राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP): सितंबर 2022 में शुरू की गई इस नीति का उद्देश्य अंतिम-मील डिलीवरी की चुनौतियों को हल करना, बाधाओं को दूर करना और लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करना है। इससे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को अधिक संगठित और लागत प्रभावी बनाया जा रहा है।

भारत के लॉजिस्टिक्स परिवर्तन में तकनीक की भूमिका

तकनीक भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित हुई है। कुछ प्रमुख तकनीकी सुधार निम्नलिखित हैं:

  • लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक परियोजना: NICDC द्वारा कार्यान्वित यह परियोजना कंटेनरों को ट्रैक करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग का उपयोग करती है। इससे देरी को कम करने और आपूर्ति श्रृंखला पारदर्शिता को बढ़ाने में मदद मिली है।
  • स्वचालन और AI एकीकरण: भारतीय बंदरगाहों और गोदामों में स्वचालन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे माल ढुलाई में कुशलता आई है।

भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का भविष्य

भारत “मेरिटाइम अमृत काल विजन 2047” के तहत लॉजिस्टिक्स में दीर्घकालिक सुधारों की योजना बना रहा है। प्रमुख फोकस क्षेत्र इस प्रकार हैं:

  • बंदरगाह क्षमता विस्तार: बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने के लिए सरकार ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजनाओं पर कार्य कर रही है।
  • सस्टेनेबिलिटी उपाय: हाइड्रोजन हब विकसित करने और पर्यावरण-अनुकूल लॉजिस्टिक्स समाधान लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
  • जहाज निर्माण को बढ़ावा: भारत वैश्विक समुद्री उद्योग में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए जहाज निर्माण और मरम्मत क्षेत्र में अग्रणी बनना चाहता है।

आगे की राह

2014 में 54वें स्थान से लेकर 2023 में 38वें स्थान तक भारत की निरंतर प्रगति इसकी नीति-संचालित और तकनीक-समर्थित परिवर्तन को दर्शाती है। बेहतर बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण और स्थिरता पहलों के साथ, भारत वैश्विक व्यापार लॉजिस्टिक्स में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए तैयार है।

परीक्षा की तैयारी के लिए प्रमुख बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में? भारत ने विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) 2023 में अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट श्रेणी में 22वां स्थान और कुल मिलाकर 38वां स्थान प्राप्त किया। 2018 में अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट श्रेणी में 44वां और 2014 में कुल मिलाकर 54वां स्थान था। भारतीय बंदरगाहों का टर्नअराउंड समय 0.9 दिन हो गया है, जो अमेरिका (1.5 दिन), ऑस्ट्रेलिया (1.7 दिन), और जर्मनी (1.3 दिन) से बेहतर है।
विश्व बैंक का LPI 2023 यह 139 देशों की लॉजिस्टिक्स दक्षता को छह श्रेणियों में रैंक करता है – कस्टम्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट, लॉजिस्टिक्स क्षमता, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग, समयबद्धता।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाना, लॉजिस्टिक्स लागत कम करना और परिवहन नेटवर्क में सुधार करना है। लक्ष्य: 2024-25
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) सितंबर 2022 में शुरू की गई, जिसका उद्देश्य अंतिम-मील डिलीवरी में सुधार, देरी कम करना और लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाना है।
लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक परियोजना NICDC द्वारा कार्यान्वित, जो RFID ट्रैकिंग का उपयोग करके कंटेनर की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और आपूर्ति श्रृंखला पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है।
मेरिटाइम अमृत काल विजन 2047 बंदरगाह विस्तार, स्वचालन, स्थिरता (हाइड्रोजन हब), जहाज निर्माण और भारत की वैश्विक समुद्री उपस्थिति बढ़ाने पर केंद्रित।
विश्व बैंक मुख्यालय वाशिंगटन, डी.सी., यूएसए
विश्व बैंक अध्यक्ष अजय बंगा
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vikash

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