भारत की स्थापित परमाणु उर्जा क्षमता 2031- 32 तक तीन गुनी बढ़ जायेगी। 2031-32 तक वर्तमान स्थापित परमाणु उर्जा क्षमता 8,180 मेगावाट से बढ़कर 22,480 मेगावाट तक पहुंच जायेगी। केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, एमओएस पीएमओ, परमाणु उर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और राज्य मंत्री कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, डा. जितेन्द्र सिंह ने आज राज्य सभा में एक अतारंकित प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। डॉ. सिंह ने 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला और 2047 तक लगभग 100,000 मेगावाट की राष्ट्रीय परमाणु क्षमता की आवश्यकता का अनुमान लगाया।
डा. सिंह ने कहा कि देश में वर्तमान में 24 परमाणु उर्जा रिएक्टरों की कुल स्थापित परमाणु उर्जा क्षमता 8,180 मेगावाट है। पिछले 10 साल के दौरान भारत की परमाणु उर्जा क्षमता 70 प्रतिशत बढ़ी है। यह 2013-14 के 4,780 मेगावाट से बढ़कर वर्तमान में 8,180 मेगावाट पर पहुंच गई। परमाणु उर्जा संयंत्रों से वार्षिक विद्युत उत्पादन भी 2013-14 के 34,228 मिलियन यूनिट से बढ़कर 2023-24 में 47,971 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है।
वर्तमान में भारतीय परमाणु उर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्धारा कुल 15,300 मेगावाट क्षमता के 21 परमाणु रिएक्टर क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इसमें शामिल हैं:
विभिन्न अध्ययनों ने 2047 तक लगभग 100,000 मेगावाट की राष्ट्रीय परमाणु क्षमता की आवश्यकता का अनुमान लगाया है। 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की भारत की रणनीति के हिस्से के रूप में इन सिफारिशों को भविष्य में अपनाने पर विचार किया जा रहा है।
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