भारत ने वैश्विक शांति और सद्भाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है, जिसके तहत गुरुग्राम, हरियाणा में देश के पहले विश्व शांति केंद्र (World Peace Center) का उद्घाटन किया गया। यह केंद्र अहिंसा विश्व भारती द्वारा जैन आचार्य लोकेश के मार्गदर्शन में स्थापित किया गया है और इसका उद्देश्य अहिंसा, आध्यात्मिक जागरूकता, मानवीय मूल्यों और वैश्विक भाईचारे को बढ़ावा देना है।
उद्घाटन समारोह और गणमान्य अतिथि
इस भव्य उद्घाटन समारोह में भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कई प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेता शामिल हुए। इनमें श्री श्री रविशंकर, मुरारी बापू और गोविंददेव गिरी प्रमुख थे। इसके अलावा, पतनjali योगपीठ के संस्थापक स्वामी रामदेव ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया और अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
विश्व शांति केंद्र की स्थापना को एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है, जो भारत की शांति और सद्भावना की आवाज़ को संयुक्त राष्ट्र (UN) और विश्व धर्म संसद (World Parliament of Religions) जैसे वैश्विक मंचों पर बुलंद करेगी।
विश्व शांति केंद्र के प्रमुख उद्देश्य
- अहिंसा और शांति का प्रचार – यह केंद्र अहिंसा (Non-Violence) के संदेश को फैलाने और लोगों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में शांतिपूर्ण तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
- आध्यात्मिक और नैतिक उत्थान – प्रवचनों, कार्यशालाओं और ध्यान सत्रों के माध्यम से यह केंद्र आध्यात्मिक चेतना और नैतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने में सहायक होगा।
- वैश्विक सद्भाव और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ – यह केंद्र ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) की अवधारणा को बढ़ावा देगा और वैश्विक सहयोग तथा एकता को प्रोत्साहित करेगा।
- पर्यावरण और नैतिक जागरूकता – यह केंद्र जलवायु परिवर्तन, नैतिक नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
भारत के भविष्य में विश्व शांति केंद्र की भूमिका
विश्व शांति केंद्र एक प्रतिष्ठित संस्थान बनने जा रहा है, जो आध्यात्मिक संवाद, वैश्विक शांति प्रयासों और अंतरधार्मिक सहयोग को नया आयाम देगा। दिल्ली-एनसीआर के गुरुग्राम में स्थित यह केंद्र –
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और अहिंसा पर सम्मेलन आयोजित करेगा।
- आध्यात्मिक नेताओं, राजनयिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करेगा।
- शांति अध्ययन और वैश्विक नैतिकता पर शोध के लिए एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करेगा।
- संयुक्त राष्ट्र और विश्व धर्म संसद जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ साझेदारी स्थापित करेगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्वास व्यक्त किया कि विश्व शांति केंद्र आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और गुरुग्राम को वैश्विक शांति और अहिंसा का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | भारत का पहला विश्व शांति केंद्र गुरुग्राम, हरियाणा में जैन आचार्य लोकेश के मार्गदर्शन में और अहिंसा विश्व भारती द्वारा स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य शांति, अहिंसा और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देना है। |
उद्घाटनकर्ता | पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, आध्यात्मिक नेता श्री श्री रविशंकर, मुरारी बापू, गोविंददेव गिरी। स्वामी रामदेव ने वर्चुअली भाग लिया। |
मुख्य उद्देश्य | – अहिंसा और विश्व शांति को बढ़ावा देना। – आध्यात्मिक और नैतिक उत्थान हेतु कार्यशालाओं व ध्यान सत्रों का आयोजन। – वसुधैव कुटुंबकम (संपूर्ण विश्व एक परिवार) की अवधारणा को प्रोत्साहित करना। – पर्यावरण और नैतिक जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करना। |
वैश्विक प्रभाव | यह केंद्र संयुक्त राष्ट्र (UN) और विश्व धर्म संसद जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की शांति और सद्भावना की आवाज को बुलंद करेगा। |
भविष्य की भूमिका | – शांति और अहिंसा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना। – आध्यात्मिक नेताओं, राजनयिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना। – शांति अध्ययन और वैश्विक नैतिकता पर शोध करना। – अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग स्थापित करना। |
हरियाणा सीएम का बयान | हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भगवद गीता की भूमि गुरुग्राम अब विश्व में शांति, सद्भाव और मानव कल्याण का संदेश फैलाएगा। |