भारत में वन्यजीव पर्यटन और पर्यावरणीय यात्रा को एक साथ जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने देश की पहली विस्टाडोम जंगल सफारी ट्रेन की शुरुआत की है। यह ट्रेन दुधवा टाइगर रिज़र्व और कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य को जोड़ती है और यात्रियों को पारदर्शी छतों और कांच की खिड़कियों से जंगल का 360-डिग्री नज़ारा देखने का अनोखा अनुभव देती है। यह पहल सतत पर्यटन और जैव विविधता जागरूकता को बढ़ावा देती है।
क्यों है यह ख़बरों में?
26 मई 2025 को उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय रेलवे के सहयोग से भारत की पहली विस्टाडोम जंगल सफारी ट्रेन लॉन्च की। इसका उद्देश्य पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देना और यात्रियों को ट्रेन से ही वन्यजीवों का अनोखा अनुभव प्रदान करना है।
उद्देश्य और योजना
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उद्देश्य: इको-टूरिज्म, वन्यजीव संरक्षण शिक्षा और रेल यात्रा का समावेश
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योजना: “वन गंतव्य, तीन जंगल” (One Destination, Three Forests) के तहत यूपी इको-टूरिज्म बोर्ड की पहल
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लक्ष्य: इको-लक्ज़री यात्रा, जैव विविधता के प्रति जागरूकता और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देना
ट्रेन मार्ग और विवरण
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ट्रेन नंबर 52259: बिछिया (बहराइच) → मेलानी (खीरी)
समय: 11:45 पूर्वाह्न → 4:10 अपराह्न -
ट्रेन नंबर 52260: मेलानी → बिछिया
समय: 6:05 पूर्वाह्न → 10:30 पूर्वाह्न -
मार्ग की लंबाई: 107 किमी
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टिकट मूल्य: ₹275 प्रति व्यक्ति
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कुल स्टेशन: 9 (दुधवा, टिकुनिया, पलिया कलां आदि)
जंगल और अभयारण्य कवर किए गए
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दुधवा राष्ट्रीय उद्यान
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कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य
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किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य
विस्टाडोम कोच की विशेषताएं
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घुमने वाली आरामदायक सीटें
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बड़ी कांच की खिड़कियाँ और पारदर्शी छत
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हरे-भरे जंगलों का लुभावना दृश्य
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आरामदायक और लक्ज़री सफारी अनुभव
संरक्षण और शिक्षा पहलें
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यूथ टूरिज़्म क्लब: स्कूल छात्रों के लिए साप्ताहिक प्रकृति टूर
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FAM ट्रिप्स: ब्लॉगर्स और इन्फ्लुएंसर्स के लिए विशेष दौरे
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स्थानीय रोजगार: होमस्टे, रिसॉर्ट्स और नेचर गाइड को बढ़ावा
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यातायात संपर्क: लखनऊ से विशेष लिंक और सब्सिडी योजनाएं
महत्वपूर्ण प्रभाव
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भारत की पहली ट्रेन आधारित जंगल सफारी
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संरक्षण, शिक्षा और पर्यटन का एकीकरण
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कम प्रसिद्ध वन क्षेत्रों को राष्ट्रीय पहचान
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पूरे वर्ष आकर्षण – मानसून में हरियाली, सर्दियों में शांति, हर मौसम में सौंदर्य